देश में कपास का उत्पादन कम होने के अनुमानों के बावजूद इसका दाम स्थिर है. इसलिए किसान असमंजस में हैं कि वो कपास बेचें या स्टोर करें. पिछले करीब दो महीने से कपास का न्यूनतम दाम 5500 और अधिकतम 7500 रुपये के आसपास बना हुआ है. जबकि 2021 और 2022 में किसानों को 9000 से 12000 रुपये प्रति क्विंटल तक का दाम मिला था. दो साल से महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में किसान बड़े पैमाने पर कपास को स्टोर कर रहे थे, लेकिन बाद में दाम गिर गए और उन्हें काफी नुकसान हो गया. अब इस साल दाम के रुख को देखते हुए किसान एक बार फिर समझ नहीं पा रहे हैं कि वो क्या करें.
महाराष्ट्र प्रमुख कपास उत्पादक है. यहां की अधिकांश मंडियों में न्यूनतम दाम एमएसपी से कम है लेकिन अधिकतम दाम ज्यादा है. नागपुर की उमरेड मंडी में 2 मई को सिर्फ 160 क्विंटल कपास की आवक हुई. इसलिए यहां न्यूनतम दाम 7000, अधिकतम 7210 और औसत दाम 7100 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जो एमएसपी से ज्यादा है. केंद्र सरकार ने मध्यम रेशे वाले कपास की एमएसपी 6620 रुपये प्रति क्विंटल जबकि लंबे रेशे वाली किस्म की एमएसपी 7020 रुपये प्रति क्विंटल तय की हुई है.
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इस साल कपास के उत्पादन में गिरावट आई है. गुलाबी सुंडी की वजह से कई राज्यों में फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. केंद्र सरकार के अनुसार वर्ष 2023-24 में कपास का उत्पादन 323.11 लाख गांठ है, जो पिछले साल से कम है. एक गांठ में 170 किलोग्राम कपास होता है. जबकि 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार कपास का उत्पादन 343.47 लाख गांठ था. महाराष्ट्र के बीड, बुलढाणा, औरंगाबाद, नागपुर, अकोला, जालना, परभणी, हिंगोली, नांदेड़, अमरावती और अहमदनगर आदि जिलों में कपास की खेती होती है. इनमें से कई जिलों में कपास के उत्पादन में गिरावट हुई है. इसलिए किसानों को अब सही दाम मिलने की उम्मीद है.
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