घरेलू जरूरतों को पूरा करते हुए वैश्विक वनस्पति तेल बाजार में कंपटीशन बनाए भारत, केंद्रीय मंत्री ने की अपील

घरेलू जरूरतों को पूरा करते हुए वैश्विक वनस्पति तेल बाजार में कंपटीशन बनाए भारत, केंद्रीय मंत्री ने की अपील

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं उद्योग जगत और संगठनों से आग्रह करना चाहूंगा कि वे प्रोसेसिंग और रिफाइनिंग में कीमतों पर ध्यान दें, और उत्पादकता बढ़ाने के लिए इनोवेशन को बढ़ावा दें.

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घरेलू जरूरतों को पूरा करते हुए वैश्विक वनस्पति तेल बाजार में कंपटीशन बनाए भारत, केंद्रीय मंत्री ने की अपीलप्रह्लाद जोशी

खाद्य तेल कारोबार में भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है. इस बात की जानकारी उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दी. उन्होंने कहा कि विश्वस्तरीय खाद्य तेल कारोबार की बात करें तो भारत इसमें बेहतर स्थान पर है. उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को कीमतें बढ़ाने और इनोवेशन के माध्यम से तय करना चाहिए कि भारत अपनी घरेलू ज़रूरतों को पूरा करते हुए वैश्विक वनस्पति तेल बाज़ार में कंप्टीशन बनाए रखे.

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं उद्योग जगत और संगठनों से आग्रह करना चाहूंगा कि वे प्रोसेसिंग और रिफाइनिंग में कीमतों पर ध्यान दें, और उत्पादकता बढ़ाने के लिए इनोवेशन को बढ़ावा दें. नीतिगत इनोवेशन, कृषि तकनीकों में निवेश और सार्वजनिक-निजी साझेदारियों के माध्यम से हम यह तय कर सकते हैं कि भारत घरेलू ज़रूरतों को पूरा करते हुए विश्वस्तरीय वनस्पति तेल के बाज़ार में कंप्टिटर बना रहे. केन्द्रीय मंत्री ने ये बात दिल्ली में आयोजित आईवीपीए के दूसरे दिन ‘ग्लोबल राउंड टेबल 4.0’ में वीडियो संदेश देते हुए कहा.

दो दिवसीय ग्लोबल राउंड टेबल 4.0 का आयोजन

इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईवीपीए), भारत के खाद्य तेल रिफाइनिंग उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाली सर्वोच्च संस्था है, जो 24-25 जुलाई 2025 को दो दिवसीय ग्लोबल राउंड टेबल 4.0 का आयोजन कर रही है. ‘नैविगेटिंग टेक्टोनिक ग्लोबल शिफ्ट्स’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य उद्योग जगत में मौजूद अवसरों और चुनौतियों पर रोशनी डालना है.

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आयात पर निर्भरता कम करने और कीमती विदेशी विनिमय को सुरक्षित रखने के लिए हमारी सरकार खाद्य तेलों में ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य की ओर कार्यरत है. सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए संजीव चौपड़ा, सचिव, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, उपभोक्ता मामलों, भोजन और सावर्जनिक वितरण मंत्रालय  ने कहा कि वर्तमान में भारत की खाद्य तेलों की 55-60 फीसदी ज़रूरत आयात से पूरी होती है, जो देश में खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर चिंता का विषय है.

खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता भारत का लक्ष्य

खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करना लंबे समय से भारतीय नीतिनिर्माताओं का लक्ष्य रहा है, जो खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने, आयात पर निर्भरता कम करने और स्थायी कृषि को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है. मौजूदा तकनीकें तेल बीजों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए ढेरों संभावनाएं प्रस्तुत करती हैं. भारत में विकसित नई किस्में टॉप-परफॉर्मेंस देने वाले देशों के समकक्ष अनुवांशिक क्षमता देती हैं. उच्च क्षमता की इन किस्मों का उत्पादन बढ़ाकर इस दिशा में अनुकूल परिणाम हासिल किए जा सकते हैं. प्रेसीज़न कृषि, जैव प्रोद्यौगिकी और खेती की स्मार्ट तकनीकों को अपनाकर तेल बीज उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है. भारत सरकार उच्च उत्पादकता वाले, जलवायु -प्रतिरोधी बीजों के विकास के लिए आर एण्ड डी में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है.

पीएम धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी

केन्द्रीय कैबिनेट ने 16 जुलाई 2025 को पीएम धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी थी, इसके साथ छह वर्षों के लिए एक मिशन-मोड योजना (वित्तीय वर्ष 2025-26 से वित्तीय वर्ष 2030-31) की शुरुआत हुई. इस योजना के तहत कम उत्पादकता, फसलों के कम घनत्व और लोन की सीमित पहुंच के आधार पर हर राज्य से कम से कम एक (कुल 100 ज़िलों) को चुना गया है.

3 अक्टूबर 2024 को केन्द्रीय केबिनेट ने नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स और ऑयलसीड्स को मंज़ूरी दी. इस मिशन के तहत 2024-25 से 2030-31 तक के लिए कुल  10,103 करोड़ रुपये का आउटले तय किया गया है. इसका उद्देश्य तेल बीजों के मौजूदा उत्पादन 390 एलएमटी (2022-23) को 2030-31 तक बढ़ाकर 697 एलएमटी तक पहुंचाना है. इंडियन वैजीटेबल ऑयल प्रोड्युसर्स एसोसिएशन (आईवीपीए) के प्रेज़ीडेन्ट सुधांकर देसाई ने कहा, ‘‘हम सरकार द्वारा हमारे सेक्टर के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हैं, जो चर्चाओं एवं नीतिगत हस्तक्षेपों के माध्यम से इस दिशा में कार्यरत हैं. आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करने के लिए संतुलित और स्थायी दृष्टिकोण अपनाना ज़रूरी है. शुल्क संरचना को भी इस तरह से बनाना होगा कि किसानों, उद्योग जगत और उपभोक्ताओं के बीच तालमेल बना रहे. कार्यक्रम में खाद्य तेल उद्योग के टॉप लीडर्स ने हिस्सा लिया. 

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