देश में इस बार मूंग की खेती ने रफ्तार पकड़ हुई है. 21 जुलाई तक मूंग की बुवाई का रकबा 11 फीसदी बढ़कर 27.31 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. समय पर मॉनसून के आने से और प्रमुख राज्यों जैसे राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र में अनुकूल मौसम ने किसानों के चलते किसानों को जल्दी बुवाई का मौका मिला, यही वजह है कि इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसके साथ ही पिछले वर्षों में सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर की गई खरीद और इस साल घोषित हुए नए एमएसपी से भी किसान मूंग की खेती के लिए प्रोत्साहित हुए हैं.
मूंग बुवाई में इस बार भी राजस्थान सबसे आगे नजर आ रहा है. यहां 23 जुलाई तक मूंग की बुवाई 16 फीसदी बढ़कर 22.19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है. कर्नाटक में 18 जुलाई तक रकबा 4.1 लाख हेक्टेयर पर स्थिर रहा, जबकि गुजरात में यह बढ़कर 32,990 हेक्टेयर (पिछले साल 27,408 हेक्टेयर) हो गया. वहीं, तेलंगाना में बुवाई थोड़ी कम हुई है और 23 जुलाई तक मूंग का रकबा 49,815 हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल इसी समय 57,853 हेक्टेयर था. महाराष्ट्र में अब तक करीब 2.02 लाख हेक्टेयर में मूंग की खेती की जा चुकी है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया पल्सेज़ एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (IPGA) के सचिव सतीश उपाध्याय ने कहा कि इस साल मूंग की बुवाई तुअर (अरहर) और उड़द के मुकाबले काफी बेहतर है. बेहतर एमएसपी, समय पर मॉनसून और मूंग का 60-80 दिन का कम अवधि वाला फसल चक्र किसानों के लिए आकर्षक साबित हुआ है. वहीं, इस साल सरकार ने 2025-26 के लिए मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 8,768 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो पिछले साल के 8,682 रुपये प्रति क्विंटल से एक प्रतिशत ज्यादा है.
हालांकि, कुछ राज्यों में ज्यादा बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा रखी है. उपाध्याय ने कहा कि राजस्थान में बुवाई अच्छी है, लेकिन कई इलाकों में बहुत ज्यादा बारिश से नुकसान की आशंका है. महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी भारी बारिश किसानों के लिए परेशानी बढ़ा रही है.
भारत ने 2024-25 में रिकॉर्ड 38.19 लाख टन मूंग उत्पादन हासिल किया था, जो 2023-24 के 31.03 लाख टन से बहुत ज्यादा है. इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण जायद में होने वाली मूंग के उत्पादन में बढ़ोतरी रहा, जो 19.74 लाख टन था. वहीं, खरीफ सीजन में मूंग का उत्पादन 17.47 लाख टन दर्ज किया गया था. मूंग देशभर में खरीफ, रबी और गर्मी तीनों सीजन में उगाई जाती है और किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण नकदी फसल बनती जा रही है. इस बार का बुवाई रुझान यह संकेत दे रहा है कि आने वाले समय में मूंग उत्पादन और भी ऊंचाइयों को छू सकता है.
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