महाराष्ट्र में कॉटन का दाम एमएसपी से कुछ ऊपर आकर स्थिर हो गया है. अधिकांश मंडियों में दाम सरकार द्वारा तय किया5 गए रेट से ज्यादा है, लेकिन किसानों को अभी इसमें और बढ़ोत्तरी का अनुमान है, क्योंकि उत्पादन पहले से कम हो गया है. किसान 2022 की तरह इस साल भी 8000 से 10000 रुपये प्रति क्विंटल तक का दाम मिलने की उम्मीद पाले हुए हैं. जबकि, महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार 10 जून को यहां के वर्धा जिले की सिन्दी मंडी में मीडियम स्टेपल कॉटन का न्यूनतम दाम 7400, अधिकतम 7690 और औसत दाम 7600 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकांश मंडियों में इसी तरह का दाम किसानों को मिल रहा है.
केंद्र सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए मीडियम स्टेपल कॉटन की एमएसपी 6,620 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि लंबे रेशे वाले के लिए 7,020 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी तय की हुई है. अधिकांश मंडियों में इससे ज्यादा ही दाम मिल रहा है, लेकिन किसानों को उम्मीद है कि दाम में और वृद्धि हो सकती है. महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा कॉटन उत्पादक राज्य है. यहां के लाखों किसानों की आजीविका इसकी खेती से चलती है.
ये भी पढ़ें: नासिक की किसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-किसानी से रखना चाहती हैं दूर
कॉटन का उत्पादन 2023-24 में 325.22 लाख गांठे (प्रत्येक गांठ 170 किलोग्राम) होने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान में कॉटन का उत्पादन 343.47 लाख गांठ था. इसका मतलब इस साल कॉटन के उत्पादन में 18.25 लाख गांठ की कमी है, जिसकी वजह से दाम बढ़ने का अनुमान है. किसी इसी आधार पर दाम बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं.भारत विश्व का सबसे बड़ा कॉटन उत्पादक है. दुनिया के कुल कॉटन उत्पादन का यहां लगभग 25 प्रतिशत पैदावार होती है. यही नहीं भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कॉटन उपभोक्ता भी है. एक अनुमान है कि यहां सालाना 300 लाख कॉटन गांठों की खपत होती है.
ये भी पढ़ें: Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today