महाराष्ट्र में कृषि उपज के दाम को लेकर किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक उपज का दाम ठीक होता है तो दूसरे का गिर जाता है. कई बार तो अधिकांश फसलों के दाम गिरे रहते हैं. जिससे किसान परेशान रहते हैं. इस वक्त एक तरफ जहां किसान प्याज़ की निर्यात बंदी से परेशान हैं क्योंकि इसकी वजह से कीमतों में भारी गिरावट आ गई है तो दूसरी ओर अब राज्य में हरे धनिया की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है. हालत ये है कि मंडियों में किसानों को उसे लाने का खर्च भी नहीं मिल रहा है. कई मंडियों में 5 से 10 रुपये किलो की कीमत रह गई है. ऐसे में किसान अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं. इसके कारण निराश हुए कई किसान मंडी के बाहर ही अपनी उपज फेंकने पर मजबूर हैं.
सोलापुर कृषि उपज बाजार समिति में सिर्फ प्याज की ही रिकॉर्ड आवक नहीं हो रही है. बल्कि धनिया की भी बंपर आवक हो रही है. यहां पर एक दिन में ही 9714 गुंडी धनिया की आवक हुई, जिसकी वजह से दाम एक दम से नीचे आ गया. किसानों को उचित दाम न मिलने के कारण वो आक्रामक हो गए हैं. कई किसानों ने फोन पर अपने साथियों से दाम पूछा और उपज को रास्ते में ही फेंक दिया. अधिकांश बाजार समितियों में देखा गया कि कीमत पांच से सात रुपये तक थी. पुणे की बाजार समिति में आज 1 लाख 99 हजार 367 कट्टे धनिये की आवक हुई.
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बाजार में जैसे ही धनिया की भारी आवक हुई, उसकी कीमत में भारी गिरावट आ गई. जैसे-जैसे कीमत कम हो रही है वैसे-वैसे किसानों की परेशानी बढ़ रही है. कम से कम लागत निकल जाती तो भी किसानों को संतोष रहता. बताया गया है कि एक दिन में ही प्रदेश की सभी मंडियों को मिलाकर 936 क्विंटल धनिया की आवक हुई. अधिकांश बाजार समितियों में इसका दाम सिर्फ 10 रुपये प्रति किलो रह गया है. जो धनिया आपकी सब्जी और चटनी का स्वाद बढ़ाती है उसकी खेती करने वाले किसान कितने परेशान हैं इसका आप अंदाजा नहीं लगा सकते.
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