हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने गेहूं और सरसों खरीद को लेकर हरियाणा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अनाज मंडियां सरसों से भरी हुई हैं, लेकिन सरसों खरीद का उठान और भुगतान नहीं हो रहा है. समय पर सरसों व गेहूं की खरीद उठान न होने से मंडियों के बाहर अनाज की भरी हुई ट्रालियों की लंबी लाईनें लगी हुई हैं. जिसके कारण किसानों, आढ़तियों और मजदूरों को भारी दिक्कतें आ रही हैं. वही सरसों की सरकारी खरीद न होने के कारण किसान मजबूरी में अपनी सरसों 4600 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल पर बेच रहा है. जबकि सरसों का एमएसपी 5650 रुपये प्रति क्विंटल है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है.
प्रेस को जारी एक बयान में गर्ग ने कहा कि सरकारी खरीद एजेंसियां गेहूं खरीद में जानबूझकर लेट कर रही हैं. सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में आढ़ती, किसान व मजदूर बेहद दुखी हैं. बीजेपी राज में आढ़तियों को आढ़त नहीं मिलती है और किसानों को फसल के पूरे दाम नहीं मिलते हैं. इसलिए आढ़ती व किसान बर्बादी के कगार पर है.
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बजरंग गर्ग ने कहा कि आढ़तियों को अनेकों सालों से 2.5 प्रतिशत आढ़त मिलती थी. मगर इस सरकार ने सरसों, सूरजमुखी, नरमा, बाजरा, मूंग आदि सरकारी खरीद पर आढ़तियों की आढ़त खत्म कर दी है. सरकार ने गेहूं खरीद पर 10.99 रुपये व धान पर 9.19 रुपये प्रति क्विंटल आढ़त कम कर दिया है. जबकि मंडी व्यवस्था में आढ़ती कई महत्वपूर्ण काम करते हैं. सरकार किसानों और व्यापारियों दोनों के खिलाफ फैसले ले रही है. इस फैसले से हरियाणा के व्यापारियों में सरकार के प्रति भारी नाराजगी है.
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकारी अधिकारी व अनाज उठान के ठेकेदारों की लापरवाही के कारण अनाज उठान में देरी हो रही है. सरकार के अनाज खरीद, उठान व समय पर भुगतान के सभी दावे खोखले सिद्ध हुए हैं. यहां तक कि सरकार की तरफ से मंडियों में सरसों व गेहूं खरीद के लिए कोई मूलभूत सुविधा तक नहीं है. मंडियों में सफाई व पानी तक की व्यवस्था नहीं है. मंडियों में सरकारी अधिकारियों के लापरवाही के कारण खरीद व उठान में देरी होने पर मंडियां अनाज से भरी हुई हैं. सरकार को सरसों और गेहूं खरीद, उठान व भुगतान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए.
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