जल्दी बनेगा बनाना कॉरपोरेशन (photo kisan tak) देश के दूसरे सबसे बड़े केला उत्पादक महाराष्ट्र में केला विकास निगम बनाने का मुद्दा बड़ा हो गया है. किसान इस निगम को बनाने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं ताकि खेती के तौर-तरीके में बदलाव आए और एक्सपोर्ट में मदद मिले. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में बताया कि राज्य में बनाना कॉर्पोरेशन की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. शिंदे ने भाजपा के संजय सावकारे द्वारा उठाए गए सवाल पर यह जानकारी दी. केला जलगांव की मुख्य फसल है. इसलिए मांग की गई कि सरकार को इस उद्देश्य के लिए एक केला निगम की स्थापना करनी चाहिए और उसका मुख्यालय जलगांव में बनना चाहिए.
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि बनाना कॉरपोरेशन बनाने का फैसला पहले ही हो चुका है. इसके लिए 50 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि इस निगम के माध्यम से केले की फसल और उसकी खेती करने वाले किसानों को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा. राज्य में 74 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में केले की खेती की जाती है और केले का उत्पादन 4.9 लाख टन है. यहां जलगांव के केले को जीआई टैग मिल चुका है. जलगांव, सोलापुर, नांदेड़ समेत नौ जिलों में केला उत्पादक किसानों की संख्या अधिक है. इसलिए कुछ दिन पहले रंजीतसिंह मोहिते पाटिल ने विधान परिषद में भी मांग की थी कि निगम की तुरंत स्थापना की जानी चाहिए.
जलगांव महाराष्ट्र का सबसे बड़ा केला उत्पादक क्षेत्र है. इसलिए बताया गया है कि केला विकास निगम का मुख्य कार्यालय जलगांव में ही स्थित होगा. माना जा रहा है कि यहां किए गए शोध और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से जलगांव जिले के केला उत्पादकों को काफी फायदा होगा. फिलहाल, राज्य में 74 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में केले की खेती की जाती है. जलगांव, सोलापुर, नांदेड़ समेत नौ जिलों में केला उत्पादक किसानों की संख्या सबसे ज्यादा है.
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बागवानी मंत्री संदीपन भुमरे ने कुछ दिन पहले विधान परिषद जानकारी दी थी की जल्द ही राज्य में केला विकास निगम की स्थापना किया जाएगा.भुमरे ने कहा था की विकास निगम खुलने के बाद उसमे अधिकारी-कर्मचारी समेत 15 लोगों का स्टॉफ उपलब्ध होगा. वहीं कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया था कि जलगांव के अलावा अन्य जिलों से भी केला निर्यात करने के प्रयास करने चाहिए. जलगांव के बाद सोलापुर जिले में केले का उत्पादन अधिक होता है. हालांकि, सोलापुर केंद्र सरकार की निर्यात सूची में शामिल नहीं है. इसलिए केला निर्यात के लिए सोलापुर जिले को भी शामिल करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा जाए. इस जिले को अनुसंधान केंद्र के साथ-साथ निर्यात योग्य जिलों की सूची में शामिल किया जाए.
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