केंद्र सरकार ने हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 54,166 टन मूंग और उत्तर प्रदेश से 50,750 टन मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी है. 2025-26 की ग्रीष्मकालीन फसलों की खरीद केंद्रीय मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत की जाएगी, जो बाजार दरों के एमएसपी से नीचे आने पर सक्रिय हो जाती है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए पीएसएस के तहत फसलों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. मंत्री ने आंध्र प्रदेश में खरीद अवधि को 26 जून तक 15 दिन के लिए बढ़ाने को भी मंजूरी दी है.
वहीं, मध्य प्रदेश के मूंग किसानों को अभी भी राहत नहीं मिली है, क्योंकि राज्य सरकार ने केंद्र को एमएसपी पर खरीद का प्रस्ताव नहीं भेजा है. जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने मूंग फसल में ज्यादा मात्रा में केमिकल दवा के इस्तेमाल का हवाला देते हुए खरीद करने से इनकार कर दिया. हालांकि, सीएम मोहन यादव मध्य प्रदेश के किसानों से मंडियों में पारदर्शी तरीके से जायद मूंग की खरीद को बढ़ावा देने की बात कही है. लेकिन इस बार वे प्राइवेट प्लेयर्स को खरीद में शामिल करने पर फोकस करेंगे. सीएम यादव ने कहा कि है वे आईटीसी और किसान उत्पादक संगठनों से नीलामी में शामिल होने के लिए बात करेंगे.
सरकार ने किसानों को प्रोत्साहित करने, घरेलू दलहन उत्पादन को बढ़ाने और आयात निर्भरता को कम करने के लिए पीएसएस के तहत 2024-25 में अरहर, उड़द और मसूर के 100 प्रतिशत उत्पादन की खरीद की अनुमति दी है. इस पहल को 2028-29 तक चार साल के लिए बढ़ा दिया गया है. पीएसएस के तहत खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) द्वारा की जाती है.
वहीं, इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 29 मई से 12 जून तक 15 दिवसीय विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया. इस अभियान का नेतृत्व कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया. अभियान के तहत देश के हजारों वैज्ञानिकों ने 1 करोड़ से ज्यादा किसानों से उनके गांव और खेतों में जाकर बात की. यह अभियान किसानों और वैज्ञानिकों में सीधा संवाद स्थापित करने और मुख्य तौर पर खरीफ उत्पादन बढ़ाने के लिए चलाया गया था.
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