हिंदू संस्कृति में फूलों का अपना ही महत्व है. हम हर शुभ कार्य में फूलों का प्रयोग करते हैं. इतना ही नहीं, फूलों का इस्तेमाल कई अन्य चीजों में भी किया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि हमें अपने घर को सजाना है तो हम फूलों का उपयोग करते हैं. अगर हम किसी को खुश करना चाहते हैं तो फूलों का इस्तेमाल करते हैं. इतना ही नहीं, अब फूलों का उपयोग ब्युटि प्रॉडक्ट और दवाइयों में भी किया जाने लगा है. जिसके चलते फूलों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए यह फायदे का सौदा बन सकता है. खासकर शादी के सीजन में फूलों की मांग काफी हद तक बढ़ जाती है. इसे ध्यान में रखते हुए किसान इसकी अग्रिम खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं फूलों की खेती से जुड़ी कुछ जरूरी बातों को.
फूलों की खेती से कई फायदे मिलते हैं. सबसे पहले, इसके लिए कम जमीन की आवश्यकता होती है, जिससे यह सीमित स्थान वाले किसानों के लिए बेहतर विकल्प बन सकता है. मुनाफे की नजर से अगर देखा जाए तो शुरुआत में इसे कम लागत में भी आसानी से शुरू किया जा सकता है. पारंपरिक फसलों की तुलना में फूलों की खेती में लागत आम तौर पर कम होती है. इसके अतिरिक्त, फूल अक्सर अपने सौंदर्य और धार्मिक महत्व के कारण अधिक मुनाफा कमाते हैं.
हालाँकि फूलों की खेती एक लाभदायक प्रयास है, लेकिन इसमें चुनौतियाँ भी आती हैं. मौसम में उतार-चढ़ाव, कीटों का संक्रमण और मौसमी मांग में बदलाव मुनाफे को प्रभावित कर सकते हैं. हालाँकि, किसान अपनी फूलों की किस्मों में विविधता लाकर, उचित सिंचाई कर और बाज़ार की मांगो को देखते हुए इस जोखिम को कम कर सकते हैं. ऐसे में इन फूलों की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन फूलों की मांग बाजारों में हमेशा बनी रहती है. जिस वजह से किसानों को अच्छी कीमत मिलती है.
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गुलाब खेती के लिए सबसे लोकप्रिय और लाभदायक फूलों में से एक है. शादी, वैलेंटाइन डे सहित कई अलग-अलग अवसरों पर इसकी अत्यधिक माँग रहती है. रंगों और किस्मों की वजह से इसकी मांग और बढ़ जाती है.
लैवेंडर न केवल अपने सुगंधित फूलों के लिए बल्कि यह अपने तेलों के लिए भी बेहद कीमती है, जिसका अरोमाथेरेपी, ब्युटि प्रॉडक्ट और खाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके तेल के उच्च मूल्य के कारण लैवेंडर की खेती आर्थिक रूप से फायदेमंद हो सकती है.
सूरजमुखी न केवल खूबसूरती का प्रतीक है बल्कि खाद्य बीज और तेल का भी स्रोत है. तेल और सजावट में उपयोग की वजह से सूरजमुखी की खेती एक फायदेमंद विकल्प है.
देशी जंगली फूलों की खेती पर्यावरण के लिए फायदेमंद हो सकती है. वे स्थानीय पर्यावरण और वन्य जीवन की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाते हैं. जैव विविधता में योगदान करते हैं, और कुछ सजावटी फूलों की तुलना में कम रखरखाव की आवश्यकता होती है. जिस वजह से इन फूलों में लागत कम और मुनाफा अधिक होता है.
चपरासी, इरेज़ और डेलिली जैसे फूल बारहमासी पौधे हैं जो साल-दर-साल खिलते रहते हैं, जिससे दोबारा लगाने की आवश्यकता कम हो जाती है. बागवानी के शौकीनों के बीच उनका एक वफादार पौधा है. उन्हें गमले में लगे पौधों या कटे हुए फूलों के रूप में बेचा जा सकता है.
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