शकरकंद मीठी जड़ वाली फसल है. इसकी खेती पूरे साल की जाती है. लेकिन यह विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में ज्यादा होती है. शकरकंद की बाज़ार में हमेशा मांग बनी रहती है. आलू की तरह दिखने वाली शकरकंद की खेती अलग-अलग राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. भारत में उगने वाले शकरकंद का स्वाद आज पूरी दुनिया को भा रहा है. शकरकंद की 400 से अधिक किस्में हैं, किसान शकरकंद की खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं.
अगर आप भी शकरकंद की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी के बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से इसके बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन शकरकंद की उन्नत किस्म श्रीभद्र का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
यह शकरकंद की अधिक उपज देने वाली किस्म है. यह एक छोटी अवधि में पैदा होने वाली किस्म है. ये किस्म 90 से 105 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसकी चौड़ी पत्तियां होती हैं. वहीं इसके कंद आकार में छोटे और गुलाबी होते हैं. इस कंद में 33 फीसदी शुष्क पदार्थ, 20 फीसदी स्टार्च और 2.9 फीसदी चीनी होती है.
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अगर आप भी शकरकंद की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं, तो इसके 500 ग्राम के पैकेट के बीज फिलहाल 35 फीसदी की छूट के साथ 1562 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से शकरकंद की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
शकरकंद की फसल के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करने के बाद खेत को कुछ दिन के लिए खुला छोड़ दें, ताकि उसमें मौजूद पुराने फसल अवशेष, खरपतवार और कीट नष्ट हो जाएं. इसके बाद 170 से 200 क्विंटल सड़ी गोबर खाद प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालकर दो से तीन बार खेत की जुताई करें. अंतिम जुताई रोटावेटर से करके खेत की मिट्टी को भुरभुरा और हवादार बना लें. उसके बाद शकरकंद की खेती करें.
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