श्रीलंकाई काली मिर्च की आवक से बाजार हिला, 15 दिन में 19 रुपये गिरा दाम अभी और नीचे जाएगा?

श्रीलंकाई काली मिर्च की आवक से बाजार हिला, 15 दिन में 19 रुपये गिरा दाम अभी और नीचे जाएगा?

श्रीलंका से मुंबई होते हुए दक्षिण भारत के बाजारों में आ रही काली मिर्च पर केवल 8 फीसदी शुल्क लगाया जाता है, जो काफी कम है. श्रीलंकाई काली मिर्च की आवक से घरेलू किसानों को पिछले 15 दिनों में काली मिर्च की कीमतों में करीब 19 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट झेलनी पड़ी है.

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श्रीलंकाई काली मिर्च की आवक से बाजार हिला, 15 दिन में 19 रुपये गिरा दाम अभी और नीचे जाएगा?   15 दिनों में काली मिर्च की कीमतों में करीब 19 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है.

श्रीलंका से सस्ती काली मिर्च की आवक ने घरेलू काली मिर्च की कीमतों में भारी गिरावट ला दी है. लगातार जारी गिरावट से किसानों को सही दाम नहीं मिलने की चिंता सता रही है. क्योंकि, ट्रेडर्स श्रीलंकाई काली मिर्च को सस्ते में खरीद कर घरेलू बाजार में बेचने के साथ ही स्टॉक कर रहे हैं ताकि बाद में उसे निर्यात किया जा सके. नाराज किसान संघों ने कहा है कि विदेश व्यापार महानिदेशालय ने आयात की गई काली मिर्च को 6 महीने तक स्टॉक करने की समयसीमा दी गई है, जो काफी अधिक है. इस वजह से बाजार में कीमत और नीचे जाने की आशंका बनी हुई है. इसके चलते अच्छी रिकवरी की उम्मीद में स्टोर करने वाले किसान अब स्टॉक खाली कर रहे हैं.  

15 दिन में काली मिर्च का दाम 19 रुपये घटा 

रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका से मुंबई होते हुए दक्षिण भारत के बाजारों में आ रही काली मिर्च पर केवल 8 फीसदी शुल्क लगाया जाता है, जो काफी कम है. घरेलू कोच्चि बाजार में साफ अनग्रेबल्ड काली मिर्च की कीमत 627 रुपये और खोल से लिपटी काली मिर्च की कीमत 647 रुपये है. वहीं, श्रीलंकाई काली मिर्च की आवक से घरेलू किसानों को पिछले 15 दिनों में काली मिर्च की कीमतों में करीब 19 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट झेलनी पड़ी है. जबकि, 7 दिनों में दाम करीब 11 रुपये नीचे खिसक गया है. वहीं, पिछले 5 सप्ताह में गिरावट देखें तो करीब 34 रुपये प्रति किलो कीमत घट गई है. 

श्रीलंकाई काली मिर्च की हिस्सेदारी ज्यादा 

कोच्चि के काली मिर्च ट्रेडर ने कहा कि लगभग सभी उपभोक्ता बाजारों में श्रीलंकाई काली मिर्च की उपलब्धता है, जो मुंबई से आई है और भारत के दक्षिणी बाजारों में बिक रही है. रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका से काली मिर्च आयात की हिस्सेदारी काफी अधिक है. जुलाई, अगस्त और सितंबर के दौरान श्रीलंका से काली मिर्च का कुल आयात 10,433 टन रहा, जबकि अन्य उत्पादक देशों से कुल 12,606 टन आयात हुआ. श्रीलंका में काली मिर्च का उत्पादन 25,000 टन से अधिक हो गया है और वे अपने अतिरिक्त स्टॉक को बेचने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं. 

दाम घटने की चिंता में स्टॉक खाली कर रहे 

सस्ती काली मिर्च आयात होने के चलते भारत में उगाई जाने वाली काली मिर्च के दाम पर दबाव बढ़ गया है और इसके चलते लगातार 5 सप्ताह से कीमतों में गिरावट जारी है. श्रीलंकाई काली मिर्च की भारी आवक के चलते दक्षिण के सभी उत्पादक राज्यों के किसानों को अपना स्टॉक खत्म करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि जिन किसान संगठनों ने दाम रिकवरी की उम्मीद में स्टोरेज कर रखा था वे भी अपने स्टॉक को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. क्योंकि अगले कुछ सप्ताह में दाम और नीचे जाने की आशंका बनी हुई है. 

आयात काली मिर्च की स्टॉक अवधि पर नाराजगी 

भारतीय काली मिर्च और मसाला व्यापारी उत्पादक संघ ने सरकार से ऐसे काली मिर्च आयात पर अंकुश लगाने का आग्रह किया है, क्योंकि यह घरेलू किसानों के हितों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. संघ ने कहा कि आयात नीति में खामियों के चलते काली मिर्च का आयात किया जा रहा है और उसे बाद में निर्यात करने के लिए लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने निर्यात से पहले आयात की गई काली मिर्च को रखने के लिए छह महीने की अवधि तय की है, जो काली मिर्च जैसी संवेदनशील वस्तु के लिए ज्यादा है. 

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