केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 से बैन प्याज निर्यात को बीते सप्ताह खोल दिया है. इसके साथ ही चना आयात शु्ल्क माफ कर दिया है. इतना ही नहीं पीली मटर को शुल्क मुक्त आयात की समयसीमा को अक्तूबर तक के लिए बढ़ा दिया है. ऐसे में अब अनुमान जताया जा रहा कि केंद्र चीनी निर्यात की मंजूरी पर बड़ा फैसला ले सकता है. इस बीच शुगर ट्रे़ड बॉडी ने 20 लाख टन चीनी निर्यात की मंजूरी देने की मांग उठाई है.
देश में चीनी और जैव-ऊर्जा उद्योग की शीर्ष संस्था इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत के चीनी अधिक उत्पादन की घोषणा की है. ट्रेड बॉडी के अनुसार अप्रैल 2024 के अंत तक भारत में चीनी उत्पादन लगभग 314 लाख टन तक पहुंच गया है. कर्नाटक और तमिलनाडु में मिलों से 5-6 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन संभावनाओं के साथ अंतिम शुद्ध चीनी उत्पादन अनुमान 320 लाख टन है.
1 अक्तूबर 2023 तक लगभग 56 लाख टन के शुरुआती स्टॉक और सीज़न के लिए 285 लाख टन की अनुमानित घरेलू खपत को ध्यान में रखते हुए ISMA ने 30 सितंबर 2024 तक 91 लाख टन से अधिक समापन स्टॉक का अनुमान लगाया है. ऐसे में जरूरी खपत से अधिक चीनी की उपलब्धता बनी रहने की बात कही है. ऐसे में ISMA ने केंद्र सरकार से चालू सीजन में 20 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने पर विचार करने का आग्रह किया है.
किसानों के समय पर भुगतान और चीनी मिलों के संचालन के मद्देनजर अनुमान है कि केंद्र सरकार जल्द ही चीनी निर्यात की मंजूरी दे सकती है. बीते सप्ताह केंद्र ने चीनी मिलों को बिक्री के लिए आवंटित होने वाला मासिक कोटा 2 लाख टन बढ़ा दिया है. इसके साथ ही चीनी मिलों को इथेनॉल बनान के लिए पहले से मौजूद 7 लाख टन शीरा और 3.25 लाख टन सरप्लस चीनी इस्तेमाल करने का रास्ता भी साफ कर दिया है. जबकि, बीते सप्ताह प्याज निर्यात खोल दिया है.
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