प्याज की निर्यात बंदी खत्म होने के तीन दिन बाद भी किसानों को इसका कोई खास फायदा दिखाई देता नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि जिन शर्तों के साथ निर्यात बंदी खत्म की गई है उसमें निर्यात काफी महंगा है. इसलिए डिमांड अभी बढ़ी नहीं है और बाजार में भाव जस का तस है. देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक महाराष्ट्र की कई मंडियों में अभी भी किसानों को 1 और 2 रुपये प्रति किलो के दाम पर प्याज बेचना पड़ रहा है. जबकि निर्यात खुलने के बाद किसानों को इस तरह की उम्मीद बिल्कुल नहीं थी. किसानों को लग रहा था कि निर्यात खुलने का आदेश आते ही बाजार में प्याज के दाम बढ़ जाएंगे लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
केंद्र सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) तो लगाया ही है, साथ में ऊपर से 40 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी भी लगा दी है, जिसकी वजह से एक्सपोर्ट किया जाने वाला प्याज काफी महंगा हो गया है. दोनों शर्तों के साथ अगर प्याज एक्सपोर्ट होता है तो इसका दाम किराए को जोड़कर करीब 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएगा. इसलिए इस दाम पर अब किसानों को भारत के प्याज की इंटरनेशनल बाजार में बहुत ज्यादा मांग बढ़ने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है.
ये भी पढ़ें: Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका
महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के मुताबिक 6 मई को सोलापुर मंडी में किसानों को सिर्फ 1 रुपये प्रति किलो के दाम पर प्याज बेचना पड़ा. जबकि बारामती में न्यूनतम दाम सिर्फ 4 रुपये प्रति किलो रहा. इसी तरह धुले, येवला और अहमदनगर मंडी में किसानों को न्यूनतम दो-दो रुपये प्रति किलो के भाव पर प्याज बेचना पड़ा. शेगांव में दाम सिर्फ 3 रुपये किलो रहा. इसके अलावा कई मंडियों में प्याज का न्यूनतम दाम सिर्फ 5 रुपये किलो मिला.
ये भी पढ़ें: नासिक की किसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-किसानी से रखना चाहती हैं दूर
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today