भारतीय बासमती चावल को विदेशों में खूब पसंद किया जा रहा है. इसके चलते बासमती के निर्यात में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़कर लगभग 2.036 बिलियन डॉलर का हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान केवल 1.774 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट था. खास बात यह है कि सऊदी अरब, ईरान और इराक के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे ज्यादा बासमती चावल का निर्यात किया गया है.
द बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर मात्रा की बात करें, तो भारत ने इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान 19.17 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया है, जबिक एक साल पहले इसी अवधि में 16.09 लाख टन एक्सपोर्ट किया गया था. यानी पिछले साल के मुकाबले इस बार मात्रा के लिहाज से 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ (एआईआरईए) के अध्यक्ष सतीश गोयल ने निर्यात में वृद्धि का श्रेय “मजबूत” अंतरराष्ट्रीय मांग को दिया है. हालांकि, साथ ही गोयल ने चावल की उपलब्धता अच्छी होने के कारण 950 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटाने की फिर से मांग की है. बड़ी बात यह है कि इस साल सऊदी अरब में बासमती की सबसे अधिक मांग बढ़ी है. पिछले साल के मुकाबले भारत ने इस वित्त वर्ष में सऊदी अरब को 26 फीसदी अधिक निर्यात किया है.
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अप्रैल-जुलाई के दौरान सऊदी अरब को 3.81 लाख टन बासमती का निर्यात किया गया है, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 3.03 लाख टन था. अगर कीमत की बात करें, तो सऊदी अरब को निर्यात 19 प्रतिशत बढ़कर 421.76 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 353.15 मिलियन डॉलर का था. इसी तरह अप्रैल-जुलाई के दौरान ईरान दूसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा, जिसकी मात्रा में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई और यह 3.55 लाख टन पर पहुंच गया, जबकि एक साल पहले इसका आंकड़ा 3.33 लाख टन था.
बड़ी बात यह है कि ईरान ने अपने घरेलू उत्पादकों को समर्थन देने के लिए बासमती चावल के आयात पर तीन महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. गोयल ने कहा कि आयात प्रतिबंध अक्टूबर के अंत तक लागू रहने की संभावना है और नवंबर में शिपमेंट फिर से शुरू हो सकता है. वहीं, बासमती निर्यात के लिए तीसरा सबसे बड़ा गंतव्य इराक बनकर उभरा है. यहां पर निर्यात की मात्रा में 25 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो 2.81 लाख टन हो गया है. हालांकि, एक साल पहले इसी समान अवधि में इसकी मात्रा 2.24 लाख टन थी. जबकि मूल्य के संदर्भ में शिपमेंट पिछले वर्ष के 239 मिलियन डॉलर से 19 प्रतिशत बढ़कर 285 मिलियन डॉलर हो गई.
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वहीं, अमेरिका, चौथा सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है. यह यमन गणराज्य को पछाड़कर भारतीय बासमती का चौथा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है. इस साल अमेरिका में बासमती का निर्यात 42 प्रतिशत बढ़कर 90,568 टन पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान यह आंकड़ा 63,700 टन था. जबकि मूल्य के संदर्भ में वृद्धि 41 प्रतिशत बढ़कर 116.14 मिलियन डॉलर हो गई है.
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