बासमती चावल के निर्यात में 15 फीसदी की बढ़ोतरी, अमेरिका सहित इन देशों में बढ़ी मांग

बासमती चावल के निर्यात में 15 फीसदी की बढ़ोतरी, अमेरिका सहित इन देशों में बढ़ी मांग

भारत दुनिया में बासमती चावल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. इसने 2023-24 वित्त वर्ष के दौरान 5.83 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के सुगंधित चावल का निर्यात किया है, जिसमें से दो-तिहाई से अधिक निर्यात पश्चिम एशिया को हुआ. व्यापार विश्लेषक एस चंद्रशेखरन ने कहा कि बाजार की वृद्धि और निर्यातकों की नीतिगत मांग एक दूसरे से विपरीत रूप से जुड़ी हुई हैं. 

Advertisement
बासमती चावल के निर्यात में 15 फीसदी की बढ़ोतरी, अमेरिका सहित इन देशों में बढ़ी मांगबासमती चावल की बढ़ी मांग. (सांकेतिक फोटो)

भारतीय बासमती चावल को विदेशों में खूब पसंद किया जा रहा है. इसके चलते बासमती के निर्यात में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़कर लगभग  2.036 बिलियन डॉलर का हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान केवल 1.774 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट था. खास बात यह है कि सऊदी अरब, ईरान और इराक के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे ज्यादा बासमती चावल का निर्यात किया गया है. 

द बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर मात्रा की बात करें, तो भारत ने इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान 19.17 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया है, जबिक एक साल पहले इसी अवधि में 16.09 लाख टन एक्सपोर्ट किया गया था. यानी पिछले साल के मुकाबले इस बार मात्रा के लिहाज से 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ (एआईआरईए) के अध्यक्ष सतीश गोयल ने निर्यात में वृद्धि का श्रेय “मजबूत” अंतरराष्ट्रीय मांग को दिया है. हालांकि, साथ ही गोयल ने चावल की उपलब्धता अच्छी होने के कारण 950 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटाने की फिर से मांग की है. बड़ी बात यह है कि इस साल सऊदी अरब में बासमती की सबसे अधिक मांग बढ़ी है. पिछले साल के मुकाबले भारत ने इस वित्त वर्ष में सऊदी अरब को 26 फीसदी अधिक निर्यात किया है.

ये भी पढ़ें- क्या सरकार बासमती चावल के MEP में कटौती की कर रही है तैयारी, जानें क्या है राइस मिलर्स की मांग?

सऊदी अरब में इतना बढ़ा निर्यात

अप्रैल-जुलाई के दौरान सऊदी अरब को 3.81 लाख टन बासमती का निर्यात किया गया है, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा  3.03 लाख टन था. अगर कीमत की बात करें, तो सऊदी अरब को निर्यात 19 प्रतिशत बढ़कर 421.76 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 353.15 मिलियन डॉलर का था. इसी तरह अप्रैल-जुलाई के दौरान ईरान दूसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा, जिसकी मात्रा में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई और यह 3.55 लाख टन पर पहुंच गया, जबकि एक साल पहले इसका आंकड़ा 3.33 लाख टन था. 

ईरान में बहुत है बासमती की मांग

बड़ी बात यह है कि ईरान ने अपने घरेलू उत्पादकों को समर्थन देने के लिए बासमती चावल के आयात पर तीन महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. गोयल ने कहा कि आयात प्रतिबंध अक्टूबर के अंत तक लागू रहने की संभावना है और नवंबर में शिपमेंट फिर से शुरू हो सकता है. वहीं, बासमती निर्यात के लिए तीसरा सबसे बड़ा गंतव्य इराक बनकर उभरा है. यहां पर निर्यात की मात्रा में 25 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो 2.81 लाख टन हो गया है. हालांकि, एक साल पहले इसी समान अवधि में इसकी मात्रा 2.24 लाख टन थी. जबकि मूल्य के संदर्भ में शिपमेंट पिछले वर्ष के 239 मिलियन डॉलर से 19 प्रतिशत बढ़कर 285 मिलियन डॉलर हो गई.

ये भी पढ़ें-  Kisan Career: फॉरेस्ट ऑफिसर बनाता है ये कोर्स, YSPU के डीन बोले - आने वाला समय एग्री स्कॉलर्स का

अमेरिका में 42 प्रतिशत बढ़ा निर्यात

वहीं, अमेरिका, चौथा सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है. यह यमन गणराज्य को पछाड़कर भारतीय बासमती का चौथा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है. इस साल अमेरिका में बासमती का निर्यात 42 प्रतिशत बढ़कर 90,568 टन पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान यह आंकड़ा 63,700 टन था. जबकि मूल्य के संदर्भ में वृद्धि 41 प्रतिशत बढ़कर 116.14 मिलियन डॉलर हो गई है.

 

POST A COMMENT