कम लागत में चाहते हैं अधि‍क मुनाफा तो लगाएं ये फसल, एक हेक्‍टेयर में मिलेगी 300 क्विंटल पैदावार

कम लागत में चाहते हैं अधि‍क मुनाफा तो लगाएं ये फसल, एक हेक्‍टेयर में मिलेगी 300 क्विंटल पैदावार

गर्मी और बारिश के मौसम में अन्‍य सब्जियों के मुकाबले अरबी थोड़ी सस्‍ती होती है, वहीं बारिश में ज्‍यादातर लोग हरी सब्‍जी से परहेज के चलते अरबी को तरजीह देते हैं. वहीं किसान भी इसकी खेती कर कम लागत में अच्‍छा मुनाफा कमा सकते हैं. एक हेक्‍टेयर में इसकी बंपर पैदावार होती है.

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कम लागत में कई गुना मुनाफा देती है अरबी की फसल, ऐसे करें खेतीअरबी की खेती से कमांए अधिक मुनाफा

भारत में कुछ सब्जियों की मांग हमेशा बनी रहती है. वहीं इन फसलों से कि‍सानों को अच्छा लाभ भी होता है. इसी लाभदायक खेती में से एक अरबी की खेती भी है. इस खेती के लिए ज्यादा लागत की आवश्‍यकता नहीं पड़ती है. साधारण तरीके से खेती करके भी किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है. 

वहीं, बरसात के मौसम में अरबी का मूल्‍य अन्य सीजन के मुकाबले अच्छा मिलता है. अरबी जमीन के अंदर उगने वाली फसल है. देश में इसकी खेती लगभग हर जगह होती है. 

गर्मी और बारिश में होता है पौधे का सही विकास

कृषि‍ वैज्ञानिकों के अनुसार, अरबी के पौधों का विकास गर्मी और बरसात के मौसम में बहुत ही अच्‍छे तरीके से होता है. इस के कंद में स्टार्च, पत्तियों में विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

मार्केट में अरबी की मांग हमेशा बनी रहती है. वर्तमान में फुटकर बाजार में अरबी का दाम 40 रुपये से लेकर 80 रुपये किलो चल रहा है. यदि इसी दर पर बिक्री जारी रही तो फसल से और भी अच्‍छा मुनाफा हो सकता है.

ज्‍यादा पानी की होती है खपत

किसान अरबी की खेती कर किसान कम लागत में ही अच्छा मुनाफा हासिल कर सकते हैं. हालांकि, इसकी खेती में पानी की मात्रा अध‍िक लगती है. इसलिए जिन क्षेत्रों में जलसंकट हो वैसे किसनों को इसे नहीं लगाना चाहिए.

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यदि अनुकूल मौसम रहे तो करीब एक बीघा जमीन में अरबी की खेती पर 10 हजार से 15 हजार रुपये की लागत आती है. वहीं, मुनाफा कई गुणा तक हो सकता है. इसके अलावा मार्केट में अच्छा रेट मिलने पर मुनाफा और अध‍िक बढ़ सकता है.

फसल लगाने पर इन बातों का रखें ध्‍यान

किसानों को फसल बुवाई के 5-6 दिन बाद इसकी सिंचाई करनी चाहिए. इसके बाद फिर से 9-10 दिनों के बाद बीच-बीच में सिंचाई करते रहना चाहिए. बुवाई के 5-6 महीनों बाद ही यह फसल तैयार हो जाती है. एक हेक्टेयर में अरबी की खेती करने पर करीब 250 से 300 क्विंटल तक पैदावार होती है. वहीं, लाखों रुपये मुनाफा होता है.

अरबी के कंद के अलावा लोग इसके पत्‍तों की सब्‍जी भी खूब पसंद करते हैं. इसके पत्‍तों को बेसन के लेप के साथ स्‍टीम कर पकाया जाता है और बाद में मसालों के साथ फ्राई किया जाता है, जो खाने में बहुत स्‍वादिष्‍ट लगती है.

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