हरियाणा में बाजरे की फसल पर अमेरिकन बॉलवर्म हेलीकोवर्पा आर्मिजेरा (अमेरिकन सुंडी) का अटैक हुआ है. यह अटैक कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सूबे की एक चौथाई बाजरा फसल इसकी इस कीट की भेंट चढ़ गई है. किसानों के सामने इतनी बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है लेकिन, दिक्कत यह है कि केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड ने बाजरे की फसल पर किसी भी केमिकल के स्प्रे करने की सिफारिश नहीं की है. बहरहाल, राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का एलान किया है. राज्य के 56 हजार से अधिक किसानों ने अमेरिकन सुंडी से हुए नुकसान का क्लेम पाने के लिए राज्य सरकार के समक्ष आवेदन भी कर दिया है. बाजरा की गिनती प्रमुख मोटे अनाजों में की जाती है.
हरियाणा सरकार ने कहा है कि बाजरे की फसल में नुकसान की वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुआवजे का वितरण तुरंत किया जाएगा. बाजरे की फसल में नुकसान चाहे कीटों के हमले से हुआ हो या बाढ़ के कारण हुआ हो. मुआवजा जरूर मिलेगा. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि बाजरे की फसल राज्य के 13 जिलों के 11,89,214 एकड़ क्षेत्र में बोई गई थी. जिसमें महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, रेवाड़ी, भिवानी, झज्जर, पलवल, गुरुग्राम, मेवात, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और जींद शामिल हैं. जब वैज्ञानिकों को बाजरे पर कीटों के हमले की जानकारी मिली तो चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU), हिसार ने 12 जुलाई 2023 को किसानों की मदद के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी.
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चौटाला सोमवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे. उन्होंने बताया कि अमेरिकन बॉलवर्म हेलीकोवर्पा आर्मिजेरा (अमेरिकन सुंडी) के प्रकोप पर एचएयू ने 8 अगस्त 2023 को महेंद्रगढ़ जिले के अटेली ब्लॉक के 20 स्थानों पर विशेषज्ञों के माध्यम से एक सर्वेक्षण किया. इन 20 स्थानों में से 18 पर अमेरिकन सुंडी का हमला 0-25 फीसदी के बीच देखा गया. विशेषज्ञों ने देखा कि जहां यह फली छेदक आमतौर पर कपास, टमाटर और चने की फसलों पर हमला करती है, वहीं इसने मई और जून, 2023 में बोई गई बाजरा की फसल पर हमला किया है.
डिप्टी सीएम ने बताया कि एचएयू के अनुसार हरियाणा में बाजरा की बुआई जुलाई के पहले पखवाड़े में होनी चाहिए. लेकिन पूरे अटेली ब्लॉक में तुलनात्मक रूप से बहुत जल्दी यानी मई के आखिरी सप्ताह से जून के प्रथम सप्ताह में ही बाजरा बो दिया गया था. अमेरिकन बॉलवर्म का प्रकोप महेंद्रगढ़, भिवानी, रेवाड़ी, चरखी दादरी और झज्जर जिलों में भी देखा गया.
एचएयू 9 अगस्त 2023 को कृषि विभाग को भी एक एडवाइजरी जारी की थी. जिसमें सभी जिला मुख्यालयों को अमेरिकन सुंडी को लेकर सुरक्षात्मक उपायों को अपनाने के लिए अवगत कराया गया था. बाजरे की फसल में अमेरिकन सुंडी सहित कीड़ा-कीट की निगरानी और नियंत्रण के लिए कृषि विभाग ने कुल 1793 कैंप लगाए. इनमें भिवानी जिले में 622, चरखी दादरी में 113, झज्जर में 428, रेवाड़ी में 348, गुरुग्राम में 18 और महेंद्रगढ़ में 264 कैंप शामिल हैं.
डिप्टी सीएम ने बताया कि विभाग द्वारा प्रभावित जिलों को 17 लाख रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया. फसल की ऊंचाई लगभग 7-9 फुट होने के कारण फसल पर स्प्रे करने के लिए ड्रोन का प्रयोग करने का प्रयास अव्यवहारिक पाया गया, क्योंकि अधिक ऊंचाई से स्प्रे करने पर स्प्रे प्रभावी नहीं होता.
एचएयू हिसार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार भारत सरकार के केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा वैसे तो बाजरे की फसल में किसी भी रसायन के स्प्रे करने की सिफारिश नहीं की गई है, लेकिन कुछ कीटनाशक हैं जिन्हें एचएयू की प्रथाओं के पैकेज अनुसार हेलीकोवर्पा आर्मिजेरा के मैनेजमेंट के लिए कपास और चने की फसल में रिक्मेंड किया गया है.
एचएयू ने स्पष्ट रूप से सलाह दी है कि अनाज भरने के चरण में या परिपक्व होने वाली फसल पर कीटनाशकों का छिड़काव करने से अनाज और चारे पर प्रभाव पड़ सकता है, जो मनुष्यों और जानवरों की सेहत के लिए ठीक नहीं.
हरियाणा के कृषि विभाग के अनुसार सूबे में बाजरे की बुआई 11,89,214 एकड़ में हुई है. इसमें से 3,02,344 एकड़ क्षेत्र अमेरिकन सुंडी से प्रभावित है. यह नुकसान 6 जिलों में हुआ है.
डिप्टी सीएम ने बताया कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाया है उन्हें फसल कटाई प्रयोगों के परिणाम के आधार पर फसल की उपज का आकलन करने के बाद बाजरे की उपज में नुकसान की भरपाई की जाएगी. बाजरे की फसल में नुकसान की वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुआवजे का वितरण तुरंत किया जाएगा. नुकसान चाहे कीटों के हमले से हुआ हो या बाढ़ के कारण हुआ हो. मुआवजा जरूर मिलेगा. इसके लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
क्षतिपूर्ति पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बाजरे में कीट के हमले के कारण 19 जिलों के 56,366 किसानों ने करीब 2,00,566 एकड़ क्षेत्र के लिए बाजरे की फसल के नुकसान का मुआवजा मांगा है. इससे जुड़ा अपना दावा पेश किया है. इसमें अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, पानीपत,रेवाडी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर जिलों के किसान शामिल हैं. कीट हमले के अलावा अन्य कारणों से बाजरे की फसल को हुए नुकसान के लिए राज्य के सभी जिलों में 8,755 किसानों ने लगभग 14,480 एकड़ क्षेत्र के लिए मुआवजा मांगा है.
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