राजस्थान में उत्पादित होने वाले फल अब दुनिया में अपनी पहचान बनाएंगे. जी हां, राजस्थान के फलोंं का स्वाद अब दुनिया के लाेग चखेंगे.इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसी कड़ी में राज्य के कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने किसानों का कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) में रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए हैं, जिसका उद्देश्य राजस्थान से फलों के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना है. इसका मतलब, अब राजस्थान के किसान एपीडा के माध्यम से फलों को सीधे दुनिया के कई देशों में एक्सपोर्ट कर सकेंगे.
राज्य के कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किन्नू, संतरा, अनार और अमरूद के उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कही है. प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि जालौर, बाड़मेर, सिरोही और झालावाड़ से 50-50 काश्तकारों का रजिस्ट्रेशन एक महीने में किया जाए ,जिससे एक साल में इन जिलों से दो-दो कंसाइनमेंट एक्सपोर्ट हो सके. उन्होंने इन किसानों को बायर-सेलर्स मीट में आमंत्रित करने को कहा ताकि यह अधिक उपज एवं कीमत ले सकें.
एपीडा रीजनल हेड हरप्रीत सिंह ने कहा कि राजस्थान में किन्नू, संतरा, अनार एवं अमरूद के निर्यात को बढ़ावा दिया जाए. जिससे कृषकों की आमदनी में वृद्धि हो. इसके लिए निर्यातक देशों की कंडीशन के अनुसार फार्म और किसानो का रजिस्ट्रेशन किए जाए. रजिस्ट्रेशन में फसल बुवाई, फ्लोरिंग एवं कटाई के समय फसल की स्थिति का रिकॉर्ड रहता है, जिससे यह पता चल जाता है कि फसल निर्यात योग्य गुणवत्ता वाली है या नहीं.
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हरप्रीत सिंह ने बताया कि अनार का निर्यात पूरे देश में 688 करोड़ रूपए का है, जिसमें राजस्थान का हिस्सा लगभग नगण्य है. उन्होंने बताया कि फलों के उत्पादन को बढ़ावा देकर निर्यात द्वारा कृषकों को अच्छा भाव दिलवाया जा सकेगा. इसके लिए उन्होंने जयपुर में एपीडा का स्थानीय ऑफिस खोलने की भी इच्छा जाहिर की.
राजस्थान में किन्नू, संतरा, अनार, बेलपत्र, मौसमी, बागवानी नींबू, अमरुद, बेर, आम, पपीता आदि फलों के बगीचे स्थापित करवाए जा रहे हैं. मसालों में मेथी, जीरा, सौंफ, धनिया, लहसुन, तथा फूलों में गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी, गेलाडिया आदि के बगीचों की स्थापना करवाई जा रही है.राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत यहां पौधरोपण सामग्री की उत्पादन क्षमता व गुणवत्ता में वृद्धि के लिए हाईटेक नर्सरी, छोटी नर्सरी स्थापना पर अनुदान मिलता है.
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