राजस्थान के किसानों के लिए राजस्थान सरकार ने एक खुशखबरी दी है. अब किसान 24 जुलाई तक अपनी सरसों उपज को सरकारी रेट यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे. सरकार ने खरीद सीमा को 10 दिन के लिए बढ़ाया है. सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने बताया कि राज्य सरकार ने अधिक से अधिक किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार से खरीद अवधि बढ़ाने के लिए आग्रह किया था. सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा.
हालांकि सरकार ने सरसों और चना खरीद के लिए जो लक्ष्य तय किए थे, वह उनसे काफी पीछे है.
इस साल एमएसपी पर उपज खरीद के मामले में राज्य सरकार तय लक्ष्यों से काफी पीछे रही है. प्रदेश में पांच जुलाई तक 2 लाख 44 हजार 220 किसानों से 6,27,700 मीट्रिक टन सरसों एवं चना की एमएसपी पर खरीद हुई है. जिसकी राशि 3392 करोड़ रूपये है.
इसमें से 1,46,253 किसानों से 3.80 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है. जिसकी राशि 2071 करोड़ रूपये है. जबकि 97,967 किसानों से 2.47 लाख मीट्रिक टन चना की खरीद की गई है. इसका मूल्य 1321 करोड़ रूपये है.
श्रेया गुहा ने बताया कि खरीद प्रक्रिया के तहत सरसों बेचान के लिए 2.29 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है. इसमें से 2,18,373 किसानों को खरीद के लिए तारीख आवंटित कर दी गई है. जबकि चना बेचान के लिए 1, 17, 351 किसानों ने पंजीयन कराया था. चने के लिए सभी किसानों को दिनांक आवंटित कर दी गई है.
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इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों और चने की खरीद में राजस्थान सरकार काफी पीछे है. सरकार ने अब तक सिर्फ 3.80 लाख मीट्रिक टन सरसों की ही खरीद की है. जबकि सरकार ने लक्ष्य 15,19,318 मीट्रिक टन का रखा था. इसी तरह चना खरीद में भी सरकार ने 97,967 किसानों से 2.47 लाख मीट्रिक टन चना खरीदा है. जबकि लक्ष्य 6,65,028 मीट्रिक टन का था.
सरसों खरीद के लिए भारत सरकार की अनुमति के बाद राजस्थान सरकार ने 10 दिन खरीद सीमा को बढ़ाया है. लेकिन अब सवाल यही उठता है कि क्या राज्य सरकार का सहकारिता विभाग इतने कम समय में लक्ष्य के बराबर सरसों खरीद कर पाएगा?
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