बिपरजॉय और अब मॉनसून के कारण राजस्थान में बाजरे की बंपर बुवाई हुई है. तीन जुलाई तक आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में 224 गुना बाजरे की बुवाई हुई है. पिछले साल एक जुलाई तक 1477.02 हजार हेक्टेयर में ही बाजरे की बुवाई हुई थी, लेकिन इस साल तीन जुलाई तक 3308.90 हजार हेक्टेयर में किसानों ने बाजरा बो दिया है. यह पिछले साल की तुलना में 224 प्रतिशत अधिक है.
हालांकि इस साल अब तक अच्छी बारिश के बावजूद चिंता की बात यह है कि इस सीजन के लिए बाजरे का बुवाई लक्ष्य पिछली साल की कुल बुवाई से कम है.
कृषि विभाग से किसान तक को मिले आंकड़ों के अनुसार इस साल तीन जुलाई तक प्रदेश में बाजरे की बंपर बुवाई हुई है. विभाग ने इस साल बाजरे की बुवाई का लक्ष्य 44 लाख हेक्टेयर रखा है. तीन जुलाई तक इस लक्ष्य का 75.2 प्रतिशत यानी 3308.90 हजार हेक्टेयर में बाजरे की बुवाई हो चुकी है. कृषि विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में इस साल लक्ष्य के बराबर बुवाई हो जाएगी.
राजस्थान कृषि विभाग की ओर से जारी किए बुवाई के आंकड़ों के अनुसार इस साल बाजरे की बुवाई का लक्ष्य पिछले साल हुई कुल बुवाई से भी कम है. पिछले साल खरीफ सीजन में 45.44 लाख हेक्टेयर में बाजरे की बुवाई हुई थी, लेकिन इस साल विभाग ने पूरे सीजन के लिए बुवाई का लक्ष्य 44 लाख हेक्टेयर ही रखा है. यह पिछले साल से करीब 1.44 लाख हेक्टेयर कम है.
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किसान तक ने बाजरे की बुवाई के लिए इस साल कम लक्ष्य रखने की वजह टटोलनी चाही. हमने कृषि विभाग में सांख्यिकी विंग में ज्वाइंट डायरेक्टर टीसी गुप्ता से बात की. वे किसान तक को बताते हैं, “इस साल बाजरा बुवाई का लक्ष्य पिछले साल से करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर कम है.
क्योंकि विभाग चाहता है कि प्रदेश में दलहन फसलों में भी आगे बढ़े. इसीलिए अगर आंकड़ों की ओर देखेंगे तो इस साल दलहन फसलों का लक्ष्य बढ़ाया गया है. चूंकि बाजरा उत्पादन में राजस्थान देश में पहले नंबर है, लक्ष्य घटाने से इसमें कोई खास बदलाव नहीं आएगा.”
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बाजरा उत्पादन के मामले में, राजस्थान देश के अन्य सभी राज्यों में अव्वल है. यहां की शुष्क जलवायु और मिट्टी बाजरे की खेती के लिए काफी बेहतर है. इसलिए यहां बाजरे का उत्पादन देश में सबसे अधिक है.
प्रदेश में पूरे देश का करीब 42 प्रतिशत यानी 3.75 मिलियन टन बाजरे का उत्पादन होता है. अकेले बाड़मेर जिले में करीब 10 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया जाता है और इसका सालाना करीब 500 करोड़ रुपये का बाजरा पैदा होता है.
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