Rajasthan: क्लेम के लिए किसानों का प्रदर्शन, लिखित समझौते पर माने, जानें पूरी बात

Rajasthan: क्लेम के लिए किसानों का प्रदर्शन, लिखित समझौते पर माने, जानें पूरी बात

हनुमानगढ़ जिले के नोहर में बीते दो दिन से किसान फसल खराब होने पर बीमा क्लेम के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. यह प्रदर्शन अखिल भारतीय किसान सभा ने किया था. बीमा क्लेम के अलावा कई और मांगों को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे थे. सैंकड़ों किसानों ने उपखंड कार्यालय पर जमा होकर बीमा क्लेम जारी करने की मांग की.

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Rajasthan: क्लेम के लिए किसानों का प्रदर्शन, लिखित समझौते पर माने, जानें पूरी बातक्लेम के लिए किसानों का प्रदर्शन, लिखित समझौते पर माने. फाइल फोटो

प्रदेश में भले ही चुनावी बिगुल बज चुका है. लेकिन किसानों की नाराजगी खत्म नहीं हो रही है. हनुमानगढ़ में फसल खराबे को लेकर किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. जिले के नोहर में बीते दो दिन से किसान फसल खराब होने पर बीमा क्लेम के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. यह प्रदर्शन अखिल भारतीय किसान सभा ने किया था. बीमा क्लेम के अलावा कई और मांगों को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे थे. सैंकड़ों किसानों ने उपखंड कार्यालय पर जमा होकर बीमा क्लेम जारी करने की मांग की. किसानों ने सभा भी की. बाद में प्रशासन से एक महीने में मांगों को पूरा करने के समझौते के बाद किसानों ने अपना विरोध खत्म किया. यह समझौता लिखित में हुआ है. समझौते के मुताबिक प्रभावित किसानों को एक महीने के अंदर-अंदर बीमा क्लेम बांट दिए जाएंगे.

अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी ने किसान तक से कहा कि अगर एक महीने में हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो किसान एकसाथ आकर फिर से आंदोलन करेंगे. 

ये हैं किसानों की मांग

किसानों का कहना है कि उन्हें इस उपखंड में साल 2020 से पूरे क्लेम नहीं मिले हैं. किसानों की मांग है कि रबी-2020 के लिए पटवार मंडलों की रोक को हटाकर क्लेम बांटे जाएं. कंपनी हर साल कोई ना कोई बहाना बनाकर किसानों को क्लेम नहीं दे रही है. इसके अलावा बाउंस क्लेम जारी करने, रिजेक्ट पॉलिसियों को बहाल करने की मांग भी किसान कर रहे हैं.

मंगेज बताते हैं कि 2019 से 2022 तक सभी किसानों के बकाया क्लेम भी  दिए जाएं. साथ ही पोर्टल पर तकनीकी खामी के चलते क्लेम से वंचित किसानों को भी क्लेम दिए जाने चाहिए. 

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दो दौर की चर्चा में बनी बात

इससे पहले भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच दो दौर की बातचीत के बाद मुद्दों पर सहमति बनी. मंगेज चौधरी बताते हैं कि भले ही प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई है, लेकिन किसानों का क्लेम सिर्फ इसीलिए नहीं रोका जाना चाहिए. क्लेम देना केन्द्र सरकार का काम है. इसीलिए लिखित समझौते के अनुसार एक महीने में क्लेम नहीं दिए गए तो किसान वापस आंदोलन शुरू कर देंगे.

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भारतीय किसान सभा की प्रशासन से दूसरे दौर की बातचीत मंगलवार शाम को शुरू हुई. इससे पहले दोपहर के वक्त हुई बातचीत बेनतीजा रही. शाम को प्रशासन के साथ बैठक में तय हुआ कि एक महीने में किसानों को क्लेम दे दिया जाएगा. बातचीत में उपखंड अधिकारी, बीमा कंपनी का प्रतिनिधि और किसान प्रतिनिधि शामिल थे. लिखित समझौता होने के बाद किसानों ने धरना खत्म किया. 
 

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