
पंजाब सरकार की ओर से प्राइवेट साइलो प्लांट को सरकारी मंडियों का दर्जा देने के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया. इसी सिलसिले में किसानों ने फरीदकोट जिला मंडी अधिकारी के दफ्तर का घेराव किया. किसानों ने
फरीदकोट जिला मंडी अधिकारी के दफ्तर पर धरना दिया. इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार प्राइवेट साइलो प्लांटों को सरकारी मंडियों का दर्जा देकर सरकारी मंडियों को खत्म करने की कोशिश कर रही है जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी कि यदि सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में संघर्ष और कड़ा किया जाएगा.
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार ने छह अप्रैल 2023 को पत्र जारी कर राज्य के आठ साइलो प्लांटों को सरकारी मंडियों का दर्जा दिया है. इस तरह सरकारी मंडियों को बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार किस हद तक कॉरपोरेट घरानों से अपनी दोस्ती निभाने की कोशिश कर रही है. सरकार मंडियों को बंद कर किसानों, मजदूरों और इन सरकारी मंडियों में काम कर अपनी रोजी-रोटी कमाने वालों को खत्म करने पर लगी है.
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डल्लेवाल ने कहा, सरकार के इस फैसले से लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे और आने वाले समय में किसानों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी और किसानों और श्रमिकों को भारी आर्थिक नुकसान होगा. डल्लेवाल ने कहा कि सरकार द्वारा पिछले साल मोगा जिले के एक साइलो प्लांट डगरू को सरकारी मंडी बनाने से उस क्षेत्र की 36 मंडियां प्रभावित हुई थीं. इस साल अन्य आठ साइलो के संचालन से कम से कम 250 मंडियां बंद हो जाएंगी. इसका प्रमाण जिला गुरदासपुर में मार्किट कमेटी धारीवाल के अधीन आने वाली नोशेहरा मझा सिंह की मंडियां, मोगा जिले की सलीना, सदासिंहवाला, ड्रोली भाई, सोसन, खुखराना, दौलतपुरा की मंडियां बंद हो चुकी हैं.
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डल्लेवाल ने आगे बात करते हुए कहा कि तीन काले कानूनों को रद्द करने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों और हर वर्ग द्वारा 13 महीने और 13 दिनों तक आंदोलन किया गया था. उनमें से ही एक कानून सरकारी मंडी के बराबर बाहर निजी मंडी स्थापित करने का कानून था जिसे अब पंजाब सरकार गुपचुप तरीके से लागू करने की साजिश कर रही है. अगर सरकारी मंडियां ही बंद हो गईं तो कॉरपोरेट घराने किसानों और मजदूरों की लूट करेंगे.
किसान नेता ने कहा कि सरकार के इसी किसान मजदूर विरोधी फैसले को रद्द करवाने के लिए आज जिन जिलों में साइलो हैं, उन जिलों के मंडी अफसरों के दफ्तरों का घेराव कर धरना दिया जा रहा है. डल्लेवाल ने कहा यदि सरकार इन साइलो प्लॉटों को दिया गया सरकारी मंडियों का दर्जा रद्द कर और सरकारी मंडियों को बहाल नहीं करती तो आने वाले समय में इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी.
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