पंजाब में आढ़तियों और मंडी मजदूरों की हड़ताल चल रही है. इस बीच शुक्रवार को राज्य की एजेंसियों ने 752 मीट्रिक टन धान की खरीदी की है. राज्य में अब तक अनाज मंडियों में 34,812 मीट्रिक टन धान पहुंच चुकी है, लेकिन 39.90 मीट्रिक टन का ही उठान हुआ है. पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने कहा है कि राज्य सरकार की देरी के कारण वे अपनी मांगों को और ज्यादा आक्रामक तरीके से रखने का फैसला कर सकते हैं.
बता दें कि आढ़ती फसल में नमी कम होने के बाद कम होने वाले वजन के नुकसान की भरपाई करने, मंडियों में अधिक नमी वाली उपज लाने वाले किसानों के लाइसेंस सस्पेंड करने जैसी मांग कर रहे है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक आढ़ती, श्रमिक संघों की मांग- हरियाणा की तरह ही उपज उतारने (अनलोड करने), तौलने और सफाई की फीस 25 प्रतिशत बढ़ाने का भी समर्थन कर रहे हैं. अनाज मंडी मजदूर संघ के अध्यक्ष सनी खटक ने कहा कि हम अभी भी राज्य सरकार की ओर से हमारी मांगें पूरी किए जाने के इंतजार में है. मुख्य सचिव के साथ बातचीत करने के लिए अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है.
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बता दें कि गुरुवार को आढ़तियों ने राज्य में बासमती चावल और कपास की खरीद करने पर सहमति जताई थी, जबकि केंद्रीय पूल के लिए राज्य एजेंसियों की ओर से धान की खरीदी बहिष्कार जारी रखने की बात कही. आढ़तियों का कहना है कि जब तक उनका कमीशन नहीं बढ़ाया जाता और अन्य मुद्दे नहीं सुलझ जाते, तब तक वे धान खरीद नहीं करेंगे.
इधर, पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने शुक्रवार को राइस मिलर्स के प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग की और उन्हें धान की खरीदी के लिए तैयार किया. उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को जल्द ही सीएम भगवंत मान के समक्ष बैठक में रखा जाएगा. बीते माह राइस मिलर्स का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब में चावल उद्योग की चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से मिला था.
पंजाब चावल उद्योग संघ के अध्यक्ष भारत भूषण बिंटा ने कहा कि एसोसिएशन ने पंजाब भवन में एक बैठक के दौरान मांगें रखीं है. प्रमुख मांगों में- जगह की कमी, लेवी सुरक्षा की वापसी और फोर्टिफाइड चावल कर्नेल से जुड़े मुद्दे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उद्योग की समस्याओं को दूर करने के लिए सीएम के साथ एक अनुवर्ती बैठक का भी वादा किया गया है.
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