Tomato Price: लातूर में तीन रुपये किलो बिक रहा टमाटर, गुस्साए किसानों ने मुफ्त में बांटी अपनी उपज

Tomato Price: लातूर में तीन रुपये किलो बिक रहा टमाटर, गुस्साए किसानों ने मुफ्त में बांटी अपनी उपज

पिछले बार टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों को देखते हुए इस बार किसानों ने टमाटर की खेती की थी और उन्हें उम्मीद थी की उन्हें टमाटर के अच्छे दाम मिलेंगे. पर उन्हें क्या मालूम था कि दो महीने तीन रुपये प्रति किलो की दर से बिकने वाले टमाटर की कीमत लातूर के बाजार में तीन रुपये किलो हो जाएगी.

Advertisement
Tomato Price: लातूर में तीन रुपये किलो बिक रहा टमाटर, गुस्साए किसानों ने मुफ्त में बांटी अपनी उपजमुफ्त में टमाटर बांट कर विरोध करते किसान फोटोःकिसान तक

टमाटर इस साल खूब सुर्खियों में रहा है. पहले तो इस सब्जी ने अपनी बढ़ी हुई कीमत के कारण सुर्खिया बटोरी और अब कम कीमत के कारण फिर से यह सुर्खियों में हैं क्योंकि उचित दाम नहीं मिलने के कारण कहीं पर इसे सड़क पर फेंककर प्रदर्शन किया जा रहा है तो कहीं पर किसान इसे मुफ्त में बांट रहे हैं. ताजा मामला महाराष्ट्र के लातूर जिले का है. बताया जा रहा है कि लातूर जिले के मुरुड़ गांव में टमाटर की उचित कीमत नहीं मिलने के कारण किसानों ने अपने टमाटर को मुफ्त में बांट दिया. मुरूड़ गांव के तीन किसानों ने यह कदम तब उठाया जब बाजार में टमाटर के दाम में भारी गिरावट दर्ज की गई. 

पिछले बार टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों को देखते हुए इस बार किसानों ने टमाटर की खेती की थी और उन्हें उम्मीद थी की उन्हें टमाटर के अच्छे दाम मिलेंगे. पर उन्हें क्या मालूम था कि दो महीने तीन रुपये प्रति किलो की दर से बिकने वाले टमाटर की कीमत लातूर के बाजार में तीन रुपये किलो हो जाएगी. किसान बताते हैं कि उन्होंने अच्छी कीमत पाने की उम्मीद में इस बार टमाटर के उत्पादन पर पूरा जोर दिया था. लेकिन बाजार में टमाटर की आवक इतनी बढ़ गई है कि कीमत एक दम से कम हो गई है. फिलहाल लातूरके बाजार में हर रोज 5000 हजार कैरेट टमाटर की आवक हो रही है.

ये भी पढ़ेंः Tomato Price: नासिक में गिरे टमाटर के दाम, किसानों ने सड़कों पर उपज फेंक कर जताया विरोध

मंडी तक लाने का किराया भी जेब से भर रहे किसान

बाजार में टमाटर की अधिक आवक के कारण कभी 200 रुपये किलो की दर से बिकने वाले टमाटर की कीमत थोक में तीन रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है. क्योंकि इसकी खेती करने में किसानों ने लाखों रुपए खर्च किए और कई महीनों तक इसके पीछे मेहनत भी किया है. अब कम कीमत कम मिलने के कारण किसानों की लागत तो निकलना दूर उसे तोड़वाकर मंडी तक में लाने का किराया भी टमाटर बेचकर वसूल नहीं कर पा रहे हैं. किसानों को अपने पॉकेट से गाड़ी का किराया भरना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः केंद्रपाड़ा की रसबली का स्वाद चखेगी दुनिया, इस स्वादिष्ट मिठाई को मिला जीआई टैग

टमाटर किसानो के लिए मुआवजे की मांग

इससे तंग आकर मुरुड़ शहर के सब्जी मार्केट में तीन टमाटर उत्पादक किसानों ने मिलकर बाजार में उन लोगों को मुफ्त में टमाटर बांट दिए जो लोग टमाटर खरीदने आए थे. बाजार में एकतरफ टमाटर बांट रहे बेबस किसान अपने हुए नुकसान के बारे में चिल्ला चिल्ला कर बता रहें थे वहीं पर दूसरी और मुफ्त में मिल रहे टमाटर लेने के लिए लोग एक दुसरे से लड़तें हुए भी नजर आ रहे थे.  वक्त मुफ्त में टमाटर बांटने वाले तीनों किसान, धाराशिव जिला अंतर्गत निपानी गांव के ज्ञानेश्वर अशोक गुंड,  मुरुड गांव के विश्वनाथ माली और मधुकर जाधव ने कहा कि दो महीने पहिले मार्केट में टमाटर को 200 रुपयों का भाव था इसीलिए उन्होंहेन टमाटर की खेती की थी. लेकिन अब टमाटर को सिर्फ 3 रूपयों का ही भाव मिल रहा है. ऐसे हालातो में भी केंद्र सरकार बाहर से टमाटर को इंपोर्ट कर रही है, जिससे टमाटर के भाव और कम हो रहे हैं. इसीलिए केंद्र सरकार को हमारी यह मांग है कि, टमाटर की इंपोर्ट को बंद किया जाए और लातूर जिले के टमाटर उत्पादक किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से पंचनामा कर मुआवजा दिया जाए.


 

POST A COMMENT