Nagpur: खतरे में संतरे की खेती, कीटों के अटैक से मुसीबत में क‍िसान

Nagpur: खतरे में संतरे की खेती, कीटों के अटैक से मुसीबत में क‍िसान

ऑरेंज सिटी के नाम से मशहूर नागपुर में इस बार संतरे के किसान परेशान हैं. बेमौसम बारिश और लगातार बदलते मौसम की वजह से संतरे की फसल में कीटों का आतंक बढ़ गया है और इससे किसानों की परेशानी भी बढ़ती जा रही है.

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Nagpur: खतरे में संतरे की खेती, कीटों के अटैक से मुसीबत में क‍िसानसंतरे के बागों पर बढ़ा कीटों का प्रकोप

महाराष्ट्र में इस साल प्रकृति की बेरुखी के कारण मुख्य फसलों के साथ -साथ बागवानी को भी काफी नुकसान पहुंचा है. एक तरफ किसानों को उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है तो दूसरी तरफ बदलते मौसम से फसलें भी प्रभावित हो रही हैं. बुलढाणा जिले में  संतरे के बागों पर रेड माइट रोग के प्रकोप से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. इसके बढ़ते अटैक से संतरा किसान संकट में हैं. रेड माइट रोग के प्रकोप से जिले में 7 एकड़ में लगे संतरे काले पड़ गए हैं. कोई भी व्यापारी संतरा खरीदने को तैयार नहीं है. ऐसे में किसान को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. बुलढाणा, जलगांव, संग्रामपुर, लोणार लोनार जैसे क्षेत्र में इस रोग का प्रभाव अधिक देखा जा रहा है. 

इसके अलावा संतरे का हब माना जाने वाले नागपुर जिले में भी संतरा किसान परेशान हैं. उनका कहना है कि संतरे के बागों पर लग रहे कीट के कारण उत्पादन में गिरावट आई है. साथ ही बागों पर महंगी दवाइयों के छिड़काव से लागत भी बढ़ रही है. बता दें कि नागपुर में सबसे ज्यादा संतरे की खेती की जाती है और इसी वजह से नागपुर को ऑरेंज सिटी के नाम से भी जाना जाता है. 
  

किसानों ने की मुआवजे की  मांग 

लोनार तालुका के रहने वाले किसान विठ्ठल गायकवाड़ के दो एकड़ के संतरे के बाग में रेड माइट नामक इस रोग के प्रकोप से संतरे का पूरा बाग नष्ट हो गया है. इससे किसान को भारी  नुकसान हुआ है.वहीं जिले में अन्य किसान के भी संतरे के बाग नष्ट हुए हैं.जिले में अब तक कुल मिलाकर 7 एकड़ खेत इस रोग से बाग बर्बाद हो चुके हैं.  अब किसान सरकार से पंचनामा कर जल्द ही मुआवजे की मांग कर रहे हैं. गायकवाड का कहना है उन्होंने  सिर्फ संतरे के बाग लगाए थे ऐसे में फल खराब हो जाने से उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है. 

बदलते मौसम के असर से केले की फसल में भी लग रहे कीड़े

महाराष्ट्र केला किसान संघ के अध्यक्ष किरण चव्हाण का कहना है कि बेमौसम बार‍िश की वजह से काफी खेती चौपट हो गई.उत्पादन में भारी गिरावट आई है जिसकी वजह है केले के बागों पर सीएमवी (ककड़ी मोजेक वायरस) और करपा रोग लगने से काफी नुकसान हो रहा है. इसके चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

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