महाराष्ट्र में किसानों की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कभी उपज का सही दाम नहीं मिल पाता तो कभी बेमौसम बारिश में फसलें बर्बाद हो रही हैं. वहीं सांगली जिले में तेज हवाओं के कारण दो एकड़ में लगे तैयार अंगूर के बाग पूरी तरह से नीचे गिर गए. अंगूर की खेती करने वाले किसान महादेव जगताप का कहना है कि इससे उन्हें 15 लाख का नुकसान हुआ है.जगताप ने इस साल बड़ी मेहनत से अंगूर के बाग की अच्छी खेती की थी. लेकिन तेज हवा ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा अंगूर की खेती नासिक जिले में की जाती है, इसके अलावा, पुणे और सांगली जिलों में भी अंगूर उगाए जाते हैं.
किसान महादेव जगताप अपनी आपबीती बताते हुए कहते हैं कि इस खेती के लिए उन्होंने सोसाइटी से छह लाख और बैंक से सात लाख का कर्ज लिया था. पिछले दो साल से उन्हें अंगूर का कम उत्पादन मिल रहा था. लेकिन इस साल उन्होंने बगीचे पर कड़ी मेहनत से बागों को खड़ा किया था.जगताप ने कहा कि गरीबी सहकार मेहनत करके बगीचे की देखभाल की लेकिन एक हवा के झोंके ने सब कुछ तबाह कर दिया. इससे किसान को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.
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किसान बताते हैं कि अगले आठ से दस दिनों में अंगूर की हार्वेस्टिंग शुरू होने वाली थी और कुछ ही दिनों में अंगूर को एक्सपोर्ट किया जाना था. लेकिन इससे पहले ही बाग के ढहने से किसान को भारी नुकसान हुआ है.
मौसम का असर संतरे और केले के बागों पर भी पड़ रहा हैं. बुलढाणा जिले में संतरे के बागों पर इस समय कीटों का अटैक बढ़ने से संतरे काले पड़ जा रहे हैं. ऐसे में एक किसान के 7 एकड़ में संतरे के बाग खराब हो गए इससे जिले के किसानों की चिंताए बढ़ गई हैं. वहीं केले के उत्पादन में भारी गिरावट देखी जा रही है. इस साल बिगड़ते मौसम का असर बागवानी पर ज्यादा देखा जा रहा है.
राज्य में पहले से ही जलवायु परिवर्तन हो रहा है.कभी ठंड तो कभी बादल छाए रहते हैं. इस बदलते मौसम से किसानों की फसल प्रभावित हो रही है. बदलतें मौसम से फसलों पर बढ़ते कीट और बीमारियों के कारण किसानों को महंगी दवाइयों का छिड़काव करना पड़ रहा है.इससे किसानों पर बड़ी आर्थिक मार पड़ रही है.
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