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Mustard Price: महाराष्ट्र में MSP से अध‍िक में ब‍िकी सरसों, 8000 रुपये क्व‍िंटल पर हुआ कारोबार

Mustard Price: महाराष्ट्र में MSP से अध‍िक में ब‍िकी सरसों, 8000 रुपये क्व‍िंटल पर हुआ कारोबार

सरसों का पुराना स्टॉक स‍िर्फ 5 फीसदी बचा है और अभी नई फसल आने में डेढ़ महीने का वक्त लगेगा. ऐसे में मुंबई मंडी में आवक कम होने की वजह से यहां सरसों का भाव एमएसपी से ऊंचा चल रहा है. आगे भी अच्छे भाव की उम्मीद है. 

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कितना मिल रहा है सरसों का दाम ? कितना मिल रहा है सरसों का दाम ?

सरसों की नई फसल आने वाली है इसके बावजूद मुंबई की मंडी में इसका भाव आसमान छू रहा है. महाराष्ट्र के बाजारों में बीते द‍िनों सरसों का कारोबार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अध‍िक में हुआ है. राज्य की कई मंड‍ियों में सरसों 7000 से 8000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल में ब‍िकी है, जबक‍ि न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये है. हालांक‍ि, कुछ मंड‍ियों में भाव इसके आसपास है. महाराष्ट्र में सरसों के ये दाम तब दर्ज क‍िए हैं, जब इस रबी सीजन में देश के अंदर सरसों की र‍िकॉर्ड बुवाई हुई है. आइए जानते हैं क‍ि इसके पीछे का कारण क्या है. 

पुराने स्टॉक के दाम अध‍िक 

महाराष्ट्र के बाजारों में सरसों के अध‍िक दाम को लेकर अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है क‍ि अभी नई फसल आने में डेढ़ महीने का वक्त लगेगा, दूसरी ओर सरसों का पुराना स्टॉक स‍िर्फ 5 फीसदी बचा है. इसल‍िए खासतौर पर बड़े शहरों में दाम ज्यादा है. लेक‍िन गांवों में ऐसा नहीं होगा. 

उन्होंने बताया क‍ि प‍िछले दो साल से सरसों की कीमतों में अच्छा उछाल देखा जा रहा है. महाराष्ट्र में सरसों का कम उत्पादन होता है और अब मंड‍ियों में आवक भी बहुत कम हो गई है, ऐसे में इसका भाव एमएसपी से काफी ऊंचा है. किसानों को उम्मीद है क‍ि आगे भी ऐसा ही दाम बना रहेगा. मुंबई की मंडी में 3 जनवरी को 181 क्विंटल सरसों की आवक हुई. जिसका न्यूनतम भाव 6000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक रहा. अध‍िकतम भाव 8000 रुपये क्व‍िंटल रहा. औसत दाम 7000 रुपये रहा. 

इस बार र‍िकॉर्ड बुवाई 

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने रबी फसलों की बुवाई की जो फाइनल र‍िपोर्ट र‍िलीज की है, उसके अनुसार त‍िलहन फसलों के रकबे में भारी वृद्ध‍ि हुई है. वहीं सरसों की बुवाई र‍िकॉर्ड 98.02 लाख हेक्टेयर में हुई है. जो 2022 के मुकाबले 6.77 लाख हेक्टेयर अध‍िक है. प‍िछले वर्ष 91.25 लाख हेक्टेयर में सरसों की खेती हुई थी. कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने सरसों की बंपर पैदावार होने की उम्मीद जताई है. शंकर ठक्कर का कहना है कि पहले उन्होंने 125 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान लगाया था. लेक‍िन, अब बुवाई के नए आंकड़ाें  के ह‍िसाब से इसे बढ़ाकर 130 लाख टन कर द‍िया है. साल 2021-22 में देश भर में 117.46 लाख टन सरसों पैदा हुई थी. यानी इस बार र‍िकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान है. 
 

एमएसपी से अध‍िक ही रहेगा भाव 

ठक्कर का भी कहना है क‍ि नई फसल आने के बाद भी दाम एमएसपी से कम नहीं होगा, क्योंक‍ि सरसों का तेल पाम ऑयल और दूसरे खाद्य तेलों से अच्छा है. यही नहीं खाद्य तेलों के ल‍िए हमारी न‍िर्भरता दूसरे देशों पर अध‍िक है. इसल‍िए र‍िकॉर्ड पैदावार के बावजूद दाम एमएसपी से अध‍िक ही रहेगा. इसल‍िए क‍िसान परेशान न हों. रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए सरसों का एमएसपी केंद्र सरकार ने 5450 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तय क‍िया है. अक्टूबर 2022 में ही सरसों की नई एमएसपी घोष‍ित की गई थी, ज‍िसमें 400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की वृद्ध‍ि की गई थी.

 

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