महाराष्ट्र में खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई के लिए कपास,सोयाबीन, ज्वार समेत सभी फसलों के बीज की बिक्री एक जून से शुरू हो जाएगी. वहीं धुले जिले में भी खरीफ सीजन की फसल कपास की बुवाई के लिए कपास बीज की बिक्री एक जून से होगी. जिले में कपास प्रमुख फसल है और 2 लाख 60 हजार हेक्टेयर में कपास की बुवाई की जाएगी. इसके लिए कृषि विभाग की ओर से 10 लाख 36 हजार बीज के पैकेट मंगवाए गए हैं. कृषि अधिकारी कुर्बान तडवी ने बताया कि एक जून से इसका वितरण किया जाएगा. मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि जून के महीने में राज्य में हर जगह बारिश सक्रिय होगी कुछ जिलों में प्री-मॉनसून बारिश शुरू भी हो गई है. कई जिलों में किसान अब भी बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
वहीं लातूर जिले में खरीफ सीजन की फसल सोयाबीन के बीज की खरीदी कृषि सेवा केंद्र की दुकानों में शुरू हो गई हैं इसके लिए जिले के कृषि अधिकारी किसानों को सलाह दे रहे हैं कि किसान उन्नत किस्म और सही खाद का उपयोग करें.
खरीफ सीजन लगभग शुरू हो चुका है, इसके लिए कृषि विभाग ने अब योजना बना ली है. एक प्रमुख फसल कपास के लिए सरकार की ओर से 10 लाख 36 हजार पैकेट बीजो की मांग की गई थी. इसके अनुसार ये सभी बीज वितरण के लिए उपलब्ध हैं और एक जून से किसानों को बेचे जाएंगे. हालांकि कुछ किसानों ने पानी उपलब्ध होने पर पहले ही कपास की बुवाई कर दी है, लेकिन कृषि विभाग 1 जून के बाद ही आधिकारिक कपास के बीज बेचने जा रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी कुर्बान तड़वी ने बताया है कि जिले में 2 लाख 7 हजार रकबे में इस साल कपास की बुवाई की योजना है. कृषि अधिकारी किसानों से उचित समय और सही किस्म लेकर बुवाई करने की सलाह दे रहे हैं.
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पिछले साल भारी बारिश से खरीफ सीजन में सभी फसलें बड़े पैमाने पर खराब गई थीं. साथ ही बेमौसम बारिश से रबी सीजन की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. वहीं दूसरी तरफ इस साल कपास का सही दाम नहीं मिलने से किसान अब कपास की खेती ओर कम ध्यान देंगे. किसानों का कहना हैं कि कई महीनों तक हमें कपास का घर में स्टॉक करके रखना पड़ा, लेकिन फिर सही भाव नहीं मिला और अब हम किसानों को खरीफ सीजन में खेती के लिए कर्ज़ लेना पड़ रहा हैं.
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