महाराष्ट्र में किसानों की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले कई दिनों से प्याज की कीमतों में गिरावट का दौर जारी है. इससे किसान परेशान हैं. आलम ये है कि महाराष्ट्र के प्याज किसान कम दाम मिलने के चलते निराश होकर अपनी फसलों पर मजबूर ट्रैक्टर चला रहे हैं. वहीं अब राज्य में हरी धनिया के दामों में गिरावट से जुड़ा एक मामला सामने आया है, जिसमें नासिक के किसानों को मंडी में एक रुपये गड्डी (धनिया पत्तियों की 100 ग्राम से कम मात्रा, जिसे बांध कर रखा जाता है ) के हिसाब से धनिये का दाम मिला है. मंडी में मिल रहे इस दाम से परेशान होकर एक किसान ने धनिया को बेचने का फैसला नहीं लिया बल्कि एक हजार से अधिक गड्डी धनिया लोगों को फ्री में बांट दिया.
नासिक जिले के किसान हरीश ने पूरा वाकया बताते हुए कहा कि वे एक हजार गड्डी से अधिक धनिया बेचने के लिए मंडी लाए थे. मंडी में धनिये का भाव एक रुपये एक गड्डी लगाया गया. किसान ने बताया की वे 40 किलोमीटर की दूरी तय करके उपज बेचने के लिए मंडी पहुंचे थे. लेकिन, जब मंडी में धनिये का दाम बेहद कम लगा तो उससे वह बेहद निराश हुए. जिसके बाद उन्होंने एक हजार गड्डी धनिये को मार्केट कमेटी के बाहर सड़कों पर मुफ्त में बांटने का फैसला किया.
नासिक के किसान हरीश के मुताबिक खेती का सारा खर्च, लेबर कॉस्ट, कार रेंटल खर्च लेने के बाद मंडी में धनिये की कीमत एक रुपये गड्डी लगाई जा रही है. ऐसे में किसानों का गुजारा कैसे हो पाएगा. उन्होंने कहा कि इन गिरते दामों की वजह से किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. महाराष्ट्र के किसानों का कहना हैं कि वर्तमान में बाजार के अंदर उपज का जो दाम मिल रहा हैं, उससे किसान उत्पादन की लागत भी नहीं निकल पा रहे हैं. उत्पादकों का कहना हैं कि परिवहन लागत भी इस समय ज्यादा हैं और बाजार में भाव कम मिल रहा है.
ये भी पढ़ें- मसाले पीसने के दौरान अब नहीं उड़ेंगे उनके ऑयल-खुशबू, सीफेट ने बनाया ऐसा ग्राइंडर
दूसरे किसान माधव पाटिल ने बताया कि हरी धनिये की एक एकड़ की खेती में 3500 हजार रुपये तक खर्च आता हैं, लेकिन बाजार में एक कैरट का सिर्फ 100 रुपया मिला रहा हैं, हम किसानों का आधा भी लागत नहीं निकल रहा हैं.उन्होंने चार एकड़ में हरी धनिये की खेती की हैं, लेकिन कीमतों में गिरावट के चलते वो अब सूखी धनिया बनाकर बेचेंगे. इसका दाम उन्हें अच्छा मिलने की उम्मीद हैं. सोलापुर समेत नासिक जिले के कई किसान अब हारा धनिया बाज़ार में बेचने के बाज़ार सूखा धनिया बनाकर बेचने का फैसला किया हैं.
असल में राज्य में किसान कपास ,प्याज, बैंगन, फूलगोभी समेत हरे धनिये की कीमतों में भारी गिरावट से संकट हैं, इसके चलते किसान बाजारों में उपज बेचने के बजाय फेंक या मवेशियों को खिला रहे हैं.कुछ दिन पहले नासिक जिले में किसान एक क्विंटल बैगन बेचा था, लेकिन किसानों को दाम सिर्फ 66 रुपये मिले थे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today