भावांतर योजना: MP में 4 दिन में 26 हजार टन सोयाबीन की खरीद, इस दिन घोषित होगा पहला मॉडल भाव

भावांतर योजना: MP में 4 दिन में 26 हजार टन सोयाबीन की खरीद, इस दिन घोषित होगा पहला मॉडल भाव

मध्‍य प्रदेश में भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन खरीदी जारी है. ताजा आंकड़ाें के मुताबिक, अब तक 14,727 किसानों से 25,999 टन सोयाबीन खरीदी गई है. 9.36 लाख किसानों ने सोयाबीन बेचने के लिए पंजीयन कराया है.

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भावांतर योजना: MP में 4 दिन में 26 हजार टन सोयाबीन की खरीद, इस दिन घोषित होगा पहला मॉडल भावसोयाबीन खरीद. (सांकेति‍क तस्‍वीर)

मध्‍य प्रदेश में किसानों को राहत देने के लिए भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन की खरीद प्रक्रिया जारी है. 24 अक्‍टूबर से शुरू हुई खरीद प्रक्रिया के तहत अब तक 14 हजार 727 किसानों से 25 हजार 999 टन सोयाबीन की खरीदी की जा चुकी है. अकेले 27 अक्टूबर को ही 7 हजार 981 किसानों से 14 हजार 214 टन सोयाबीन की खरीदी हुई. खरीद प्रक्रिया के तहत किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए पहला मॉडल भाव 7 नवंबर 2025 को घोषित किया जाएगा. 

प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में उज्जैन में सबसे ज्‍यादा 529 टन, देवास में 512 टन, ताल में 486 टन, इंदौर में 455 टन, खातेगांव में 425 टन, बैरसिया में 396 टन, आगर में 376 टन, सागर में 368 टन, आष्टा में 339 टन और शाजापुर में 335 टन सोयाबीन की खरीदी दर्ज की गई.

9.36 लाख किसानों ने कराया पंजीयन

भावांतर योजना के लिए 3 से 17 अक्‍टूबर तक चले पंजीयन अभियान में 9 लाख 36 हजार 352 किसानों ने पंजीयन कराया है. पंजीकृत किसानों की भूमि का रकबा 22 लाख 64 हजार हेक्टेयर है. सोयाबीन खरीद की प्रक्रिया 24 अक्टूबर से शुरू होकर 15 जनवरी 2026 तक चलेगी. प्रदेश में इस वर्ष 53.20 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई है, जिससे 55.54 लाख मीट्रिक टन उत्पादन प्राप्त हुआ है. एक सरकारी बयान में कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को उनकी उपज का मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम न मिले. इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा खरीफ 2025 के लिए भावांतर भुगतान योजना लागू की गई है.

केंद्र ने राज्‍य सरकार के प्रस्‍ताव को यथावत मंजूरी दी

वहीं, प्रदेश के किसान कल्याण और कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने बताया कि प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार को 26 लाख 49 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीदी का प्रस्ताव भेजा था. इस प्रस्ताव को भारत सरकार ने यथावत मंजूरी दी है. मंत्री कंषाना ने इस निर्णय के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जब मंडियों में किसानों को उनकी फसल का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मिलता है, तब राज्य सरकार भावांतर योजना के माध्यम से नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करती है.

किसानों को नुकसान से बचाने के लिए दिया जाएगा भावांतर

उन्होंने कहा कि इस वर्ष सोयाबीन का बाजार भाव एमएसपी से नीचे रहने के कारण किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. भावांतर योजना से किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी. योजना से प्रदेश के लाखों किसानों को सीधा लाभ प्राप्त होगा.

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