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लाट साहब लैंपस... क‍िसानों ने डेढ़ साल पहले बेचा था धान, अब तक नहीं हुआ पैसों का भुगतान

लाट साहब लैंपस... क‍िसानों ने डेढ़ साल पहले बेचा था धान, अब तक नहीं हुआ पैसों का भुगतान

मामला 900 क्विंटल धान की हेराफेरी से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मोंगर लैंपस में 722 क्विंटल धान और बालूमाथ लैंपस से 186.22 क्विंटल धान का पैसा किसानों का बकाया है.

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अपने धान को समेटता एक किसान    फोटोः किसान तक अपने धान को समेटता एक किसान फोटोः किसान तक

झारखंड में सरकारी धान की खरीदारी करने के बाद लैंपस संचालकों द्वारा की जाने वाली मनमानी कोई नई बात नहीं है. लैपंस की खामियों के कारण किसान उनके बजाय बिचौलियों के पास धान बेचना पसंद करते हैं. लैंपस के जरिए किसानों को भुगतान में देरी होती है. यहीं कारण है कि यह व्यवस्था किसानों के बीच अपना विश्वास बनाने में असफल साबित हो रही है और अक्सर इससे जुड़ी शिकायतें आती रहती है. इस बार मामला झारखंड के लातेहार जिले का है. किसानों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां के बालूमाथ और मोंगर लैंपस में लगभग दो दर्जन किसानों ने डेढ़ साल पहले धान भेजा था, लेक‍िन क‍ि‍सानों को अभी तक पैसे का भुगतान नहीं हो पाया है.   

क‍िसानों का 18 लाख रुपये से अध‍िक का बकाया

मामला 900 क्विंटल धान की हेराफेरी से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मोंगर लैंपस में 722 क्विंटल धान और बालूमाथ लैंपस से 186.22 क्विंटल धान का पैसा किसानों का बकाया है. कुल 900 क्विंटल धान का पैसा इन दोनों लैंपस में बकाया है. वहीं पैसों की बात करें तो दोनों लैंपस पर क‍िसानों का कुल 1863000 रुपये का बकाया है. इनमें से कई ऐसे किसान हैं, जिन्होंने पहली बार लैंपस में धान की बिक्री की थी और उन्हें धोखा मिला है. डेढ़ साल का समय बीत जाने के बाद भी दोनो ही लैंपस संचालकों ने किसानों को उनके बकाया पैसे का भुगतान नहीं किया है.

क्या कह रहे हैं लैंपस संचालक

इस बारे में लैंपस के संचालकों ने जब सवाल पूछा गया तो उनकी तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया. किसान तक से बात करते हुए मोंगर लैंपस के संचालक आनंद ने बताया कि उन्होंने किसानों से धान की खरीद की थी,लेक‍िन भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं थी और सही समय से धान का उठाव नहीं किया गया. इसलिए धान सूख कर खराब हो गया. उन्होंने यह भी कहा की लैंपस में धान मौजूद है, किसानों को जल्द की उनके बकाए पैसे का भुगतान कर दिया जाएगा. हालांकि इस बीच खबर यह आ रही है कि पैसा नहीं दे पाने की स्थिति में जिला प्रशासन दोनों लैंपस संचालकों पर केस करने की तैयारी कर रहा है.

किसानों के साथ हुआ धोखा

इस मसले पर क‍िसान तक ने लातेहार के एसडीओ से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं रिसीव किया. वहीं पांडेयपुरा गांव के किसान आकाश प्रसाद ने बताया कि उन्होंने 48 क्विंटल लैंपस में बेचा था, लेक‍िन अभी तक उन्हें पैसे नहीं मिले हैं. इससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि पैसे दिलानें की मांग को लेकर वो तीन बार उपायुक्त के पास आवेदन दे चुके हैं. इस लैंपस में 18 किसानों का पैसा बाकी है. वहीं एक अन्य किसान अनिल प्रसाद ने कहा अधिक पैसों की जरूरत थी इसलिए अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में उन्होंने लैंपस में धान बेचा था पर यहां भी उनके साथ धोखा हुआ है.