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विदेशों में एक बार फिर बढ़ रही मिर्च की मांग, उच्च कीमतों पर पहुंचा कारोबार

विदेशों में एक बार फिर बढ़ रही मिर्च की मांग, उच्च कीमतों पर पहुंचा कारोबार

प्रमुख आयातक अब नई फसल की आवक का इंतजार कर रहे हैं, जिसके कारण तेजा किस्म अब 18,000-23,000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में कारोबार कर रही है, जो पिछले सप्ताह से 500 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है.

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विदेशों में मांग बढ़ने से मिर्च के भाव में तेजी आई है विदेशों में मांग बढ़ने से मिर्च के भाव में तेजी आई है

पिछले साल थ्रिप्स वायरस के कारण हुए विनाशकारी पिछले मौसम के बाद तेलंगाना के मिर्च किसानों को इस मौसम में ऊंचे दाम मिल रहे हैं. तेलंगाना सरकार के एक अधिकारी ने कहा, "चीन और बांग्लादेश की ताजा मांग के कारण कीमतें उच्च स्तर पर हैं. नए स्टॉक की सीमित आपूर्ति के कारण कई किस्मों की कीमतें उच्च कीमत पर कारोबार कर रही हैं." जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है. 

मिर्च की हर वैरायटी की बढ़ रही मांग

उन्होंने कहा, 'प्रमुख आयातक अब नई फसल की आवक का इंतजार कर रहे हैं, जिसके कारण तेजा किस्म अब 18,000-23,000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में कारोबार कर रही है, जो पिछले सप्ताह से 500 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है.' देश के सबसे बड़े मिर्च बाजारों में से एक, वारंगल मार्केट यार्ड में तेजा वैरायटी 24,000 प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर चल रही है, जबकि एक साल पहले यह 17,500 रुपये प्रति क्विंटल थी.

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तेलंगाना बना मिर्च का शीर्ष उत्पादन राज्य

अन्य लोकप्रिय किस्मों वंडर हॉट और यूएस-341 की कीमतें भी बहुत अधिक हैं. जबकि वंडर हॉट किस्म 38,000 प्रति क्विंटल (29,000 साल पहले के मुकाबले) बोली जाती है, यूएस-341 एक साल पहले 26,000 (21,500) पर खरीदा जा रहा है.
तेलंगाना 7.19 लाख टन उत्पादन के साथ देश का शीर्ष मिर्च उत्पादक राज्य है. इसे करीब 4 लाख एकड़ में उगाया जाता है. यह देश के मिर्च क्षेत्र का 22 प्रतिशत और उत्पादन का 38 प्रतिशत है. व्यापारी सूत्रों के मुताबिक मिर्च की कीमतों के मजबूत होने की उम्मीद है, हालांकि पिछले सीजन में देखी गई चोटी से नीचे, इस सीजन में कोल्ड स्टोरेज में स्टॉक 90 फीसदी कम है.किसानों का कहना है कि पिछले एक हफ्ते में रेट बहुत तेजी से बढ़े हैं.