झारखंड के खूंटी जिले की पहचान मौजूदा वक्त में बदल रही है. एक दशक पहले तक यहां पर नक्सलवाद हावी था जिसके कारण अधिकांश लोग यहां से पलायन करत थे, लेकिन धीरे-धीरे परिस्थितियां अब बदल रही हैं. यहां की फिजाओं में अब लेमनग्रास की खुशबू फैल रही है. इसका श्रेय पूरी तरह यहां की महिलाओं को जाता है. जिन्होंने लेमन ग्रास की खेती को अपनाया मेहनत की और बंजर जमीन को हरियाली से भर दिया. यही वजह है कि आज खूंटी के लेमन ग्रास तेल की मांग देश के बड़े शहरों के अलावा विदेशों में भी हो रही है.
झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशनल सोसाइटी खूंटी के बीपीएम प्रमोद झा बताते हैं कि वर्तमान में खूंटी जिले में 500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लेमनग्रास की खेती हो रही है. एक और एनजीओ द्वारा यहां पर ग्रामीण महिलाओं से लेमन ग्रास की खेती कराई जा रही है. पिछले साल खूंटी जिले से 49 लीटर लेमन ग्रास तेल की बिक्री की गई थी. यह तेल 1300 से 1400 रुपए प्रति लीटर बिकता है. इससे महिलाओं को अच्छी कमाई हो जाती है.
खूंटी झारखंड का एक ऐसा जिला है जहां का अधिकांश क्षेत्र जंगलों से घिरा हुआ है और अधिक जमीन ऊपरी जमीन है. इसलिए यहां पर खेती करना आसान नहीं होता है. यहां के किसान सिर्फ बरसात के मौसम में खेती करते हैं. सिंचाई की सुविधाओं का अभाव होने के कारण किसान खेती भी नहीं कर पाते हैं, लेकिन अब यह तस्वीर बदल रही है. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशनल सोसाइटी के प्रयासों से यहां की महिलाओं को लेमन ग्रास की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. उन्हें प्रशिक्षण देकर इसका पौधा दिया गया, फिर महिलाओं ने इसकी खेती शुरू की.
लेमन ग्रास की खेती खूंटी जिले के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि इसे एक से दो बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है. झाड़ वाली बंजर जमीन पर भी इसकी खेती की जा सकती है और किसान अच्छी उपज हासिल कर सकते हैं. इसकी खेती में अधिक देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि इसके पौधे को जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.
ये भी पढ़ें: MSP से अधिक कीमत पर फसल बेचकर किसानों ने अक्टूबर-दिसंबर में कमाए 8,000 करोड़ रुपये
खूंटी जिले में लेमन ग्रास का उत्पादन होने के बाद इसका तेल निकालने के लिए खूंटी प्रखंड के अनिगड़ा में एक ऑयल डिस्टिलेशन यूनिट लगाई गई है जहां पर महिलाएं खुद ही इसका तेल निकालती हैं. इसके अलावा खूंटी प्रखंड के लिए कपरिया गांव में एक प्लांट लगाया गया है. साथ ही कर्रा प्रखंड और मारंगहदा गांव में दो डिस्टिलेशन यूनिट लगाये जाने की तैयारी चल रही है. इस तरह से यहां पर लेमन ग्रास तेल का उत्पादन बढेगा.
ये भी पढ़ें: रिटायरमेंट के बाद इस अधिकारी ने बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ, जीरो बजट खेती से गढ़े नए आयाम
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today