झारखंड में पिछले दिनों हुई बारिश जहां एक ओर रबी खेती की तैयारी कर रहे किसानों के लिए वरदान बनकर आई वहीं खरीफ फसल के लिए यह बारिश काल बनकर आई. इस बारिश ने राज्य के कई जिलों में धान की फसल को खूब नुकसान पहुंचाया है. यही कारण है कि अब एक्सपर्ट भी मान रहे हैं इस बारिश के कारण राज्य में धान के उत्पादन पर असर पड़ेगा. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों में कहा कि बारिश के कारण खेत में धान की खड़ी फसल को नुकसान हुआ है जो कटाई के लिए तैयार थी. इसके अलावा कई खेतों में किसानों ने धान काट कर रखा था वह पानी में डूबकर खराब हो गई है.
हालांकि कृषि विशेषज्ञों ने माना है कि इस बारिश से मि्टी में नमी बढ़ेगी जो रबी सीजन में किसानों के लिए वरदान साबित होगी. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग और पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिक रमेश कुमार ने बताया कि लगातार बारिश के कारण खरीफ फसल को नुकसान हुआ है खास खर धान की फसल को इसमें अधिक नुकसान होता है. बारिश के कारण धान फूल जाता है और उसमें अंकुरण हो जाता है. इसके कारण धान की गुणवत्ता कम हो जाती है और किसानों को इसके दाम भी कम मिलते हैं.
ये भी पढ़ेंः आटे की कीमत में जल्द आएगी गिरावट! सरकार तीन महीने में बेचेगी 25 लाख टन अतिरिक्त गेहूं
रमेश कुमार ने आगे कहा कि इस बार राज्य में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आने में हुई देरी के कारण किसानों को धान की खेती करने में देरी हुई. कुछ क्षेत्रों में तो दो महीने की देरी से धान की बुवाई हुई. फसलों को हुए नुकसान को लेकर रामगढ़ जिले के किसान कपिल महतो ने बताया कि इस बार की बारिश के कारण किसान इतने मजबूर हो गए हैं कि उन्होंने खेती तो की पर अपनी फसल को घर नहीं ले जा सके. रांची जिले के ओरमांझी में भी खेतों में पानी भर जाने के कारण किसानों को नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि पहले बारिश नहीं होने के कारण नुकसान हुआ और अब बारिश के कारण नुकसान हो गया.
ये भी पढ़ेंः बिहार में मधुमक्खी पालन का बिजनेस शुरू करने पर सरकार देगी 90 प्रतिशत सब्सिडी, यहां करें अप्लाई
वहीं कृषि विज्ञान केंद्र रांची, गुमला औऱ दुमका के वैज्ञानिकों ने कहा कि इस बारिश के कारण आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप हो सकता है, जबकि सरसों की फसल में एफिड का संक्रमण हो सकता है. हालांकि इस बारीश के कारण जो नमी हुई है उससे रबी फसलों को जरूर फायदा मिलेगा. गौरतलब है कि झारखंड में 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की खेती होती है. इसमें 18 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है. इससे हर साल राज्य में 35-40 लाठ टन धान का उत्पादन होता है. पर पिछले दो बार से इसमें कमी आई है. सरकार अपने धान खरीद का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाई है.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today