बिहार में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है. गुरुवार को राज्य के विभिन्न जिलों में तेज़ हवाओं, बारिश और ओलावृष्टि ने तबाही मचाई. वहीं,शुक्रवार की सुबह से भी राज्य के कई जिलों में तेज़ हवाओं के साथ बारिश जारी है. राजधानी पटना में भी सुबह से रुक-रुक कर हल्की बारिश हो रही है. इस बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. हालांकि, आम और लीची जैसी उद्यानिक फसलों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो रही है.
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को राज्य के कई हिस्सों में व्यापक बारिश की संभावना है. मौसम के इस बदले हुए मिज़ाज को देखते हुए कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है. सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया में मध्यम से तेज बारिश की संभावना जताई गई है. इस दौरान मेघगर्जन, वज्रपात और ठनका गिरने की भी आशंका है. साथ ही इन जिलों में हवा की गति 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है.
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वहीं पश्चिमी-पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मधुबनी, लखीसराय, शेखपुरा और नवादा सहित अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के निदेशक आशीष कुमार ने बताया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में 20 अप्रैल तक बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने की संभावना बनी हुई है. वहीं, 21 अप्रैल के बाद मौसम शुष्क हो जाएगा और तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी शुरू हो जाएगी. आगे वह किसानों को सलाह देते हुए कहते हैं कि वे 22 अप्रैल के बाद ही गेहूं की कटाई करें. साथ ही अगले एक-दो दिनों तक खेतों में जाने से परहेज करें, क्योंकि इस दौरान वज्रपात और ठनका गिरने की संभावना अधिक है.
अप्रैल का तीसरा सप्ताह शुरू हो चुका है, लेकिन अब तक राज्य में संभवत 50 प्रतिशत गेहूं की कटाई हो पाई है, जबकि सामान्यतः इस अवधि तक कई जिलों में कटाई लगभग पूरी हो जाती थी. सीतामढ़ी के किसान आलोक कुमार का कहना है कि गुरुवार को हुई ओलावृष्टि से गेहूं की फसल के साथ-साथ आम को भी नुकसान पहुंचा है.
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बारिश के कारण कटे हुए गेहूं के दाने फूल गए हैं, और खड़ी फसल के दानों में कालापन दिखाई दे रहा है. इससे गेहूं के उत्पादन और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ा है. हालांकि, जिन इलाकों में ओलावृष्टि नहीं हुई, वहां आम और लीची के लिए यह बारिश लाभकारी साबित हो रही है.
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