गर्मी का मौसम आने के साथ ही बिहार की लीची की डिमांड काफी बढ़ जाती है. बिहार की मिट्टी में उपजने वाली शाही लीची का उत्पादन अच्छा होने के साथ बहुत जल्द बाजार तक पहुँचने वाला है. शाही लीची का स्वाद देश के विभिन्न राज्यों के लोग ले सकें, इसको लेकर राज्य सरकार ट्रांसपोर्ट से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं पर विशेष काम कर रही है. बिहार कृषि विभाग के उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार किसान तक को बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस बार लीची का उत्पादन अधिक होने की संभावना है. वहीं लीची किसानों को लीची भेजने में दिक्कत नहीं आए, इसको लेकर दरभंगा एयरपोर्ट पर फ्लाइट की समय सारणी में बदलाव किया गया है. इसके साथ ही ट्रेन में स्पेशल बोगी के साथ सड़क मार्ग के लिए रेफर वैन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
लीची ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष बच्चा सिंह कहते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस बार शाही लीची का अच्छा उत्पादन होने के आसार हैं. वहीं आने वाले पंद्रह मई से राजधानी पटना समेत विभिन्न जिलों में शाही लीची उपलब्ध हो जाएगी जिसके बाद इसका स्वाद लोग ले सकेंगे. वहीं चाइना लीची का भी उत्पादन बेहतर होने की संभावना है. बता दें कि बिहार की शाही लीची को जीआई टैग मिल चुका है. इस लीची का बाजार मई के मध्य से लेकर जून के शुरुआती सप्ताह तक अधिक से अधिक रहता है.
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बिहार कृषि विभाग के उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार ने कहा कि किसानों में इस बार अपनी फसल को लेकर काफी खुशी है. वहीं लीची को एक से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए लीची उत्पादकों को दस रेफर वैन की सूची उपलब्ध कराई गई है जिसका लाभ वे एक तय किराया देकर ले सकते हैं. वहीं पवन एक्सप्रेस ट्रेन के जरिये लीची दूसरे राज्य में भेजी जाती है. लीची किसानों यह सुझाव दिया था कि रेल की बोगी को लीची ले जाने के अनुसार स्पेशल बनाया जाए ताकि वे लंबे समय तक चल सके. इसको लेकर रेलवे को पत्र भेजा गया है. जिस तरह से भुसावल के केले के लिए स्पेशल बोगी होती है, उसी तरह लीची को लेकर भी बोगी बनाई जाएगी.
उद्यान निदेशक ने बताया कि इस बार पटना एयरपोर्ट पर आने वाले पंद्रह दिनों के अंदर कोल्ड स्टोरेज और कार्गो की सुविधा व्यापारी ले सकेंगे. वहीं लीची टूटने के बाद कम समय में फ्लाइट उपलब्ध हो जाए, इसको लेकर दरभंगा एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट ने फ्लाइट की समय सारणी में बदलाव किया है. इसके साथ ही जीआई टैग मिल चुकी शाही लीची का बाजार बेहतर करने के लिए विभाग द्वारा काम किया जा रहा है. वहीं शाही लीची के नाम पर कोई ग़लत लीची न बेचे, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
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