दालों के घटते उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने किसानों को प्रेरित करना शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार खासतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के किसानों को खरीफ सीजन में अलग-अलग किस्म की दालों की अधिक बुवाई के लिए प्रोत्साहित कर रही है. केंद्र ने कहा है कि किसानों को दाल की एमएसपी कीमत मिलेगी. केंद्र ने एनसीसीएफ को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है, जो किसानों को दालों के हाई क्वालिटी वाले बीज भी उपलब्ध कराएगी और उनकी फसल की खरीद भी करेगी.
केंद्र सरकार पहली बार बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ अरहर, उड़द और मूंग जैसी खरीफ दालों की बुआई करने के लिए व्यवस्थित रूप से काम कर रही है. रिपोर्ट के अनुसार खरीज सीजन शुरू होने से पहले ही उनकी कितनी भी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ खरीदने का वादा किया है. बता दें कि इन राज्यों से अभी तक केंद्र दालों की खरीद नहीं कर रहा है.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसका उद्देश्य दालों की खेती बढ़ाना और आयात पर निर्भरता कम करना है. हालांकि, सरकार ने अभी कोई उत्पादन लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में उत्तर प्रदेश ने लगभग 28.5 लाख टन दालों का उत्पादन किया. इसी तरह झारखंड ने 7.61 लाख टन और बिहार ने 4.50 लाख टन का उत्पादन किया.
मंत्रालय तीनों राज्यों के इस उत्पादन आंकड़े को बढ़ाने के लिए खरीफ सीजन की बुवाई शुरू होने से पहले ही एक्शन मोड में आ गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) को इन राज्यों में दाल बुवाई रकबा बढ़ाने कार्यक्रम के लिए मुख्य नोडल एजेंसी नियुक्त किया है. एनसीसीएफ किसानों से दालों की खरीद करने के साथ ही बुवाई के लिए हाई क्वालिटी वाले बीज भी उपलब्ध कराएगा.
केंद्र सरकार ने 2023-24 के लिए दालों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी रेट तय कर रखा है. हालांकि, किसानों को दाल बुवाई के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार खरीफ सीजन के लिए एमएसपी में बढ़ोत्तरी की घोषणा भी कर सकती है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार अरहर, मूंग, उड़द दाल का एमएसपी 2023-24 सीजन के लिए केंद्र सरकार ने बढ़ाया है.
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