Jammu Kashmir News: अफजल गुरु को फांसी देने से कोई मकसद पूरा नहीं हुआ-उमर अब्‍दुल्‍ला के बयान पर हंगामा 

Jammu Kashmir News: अफजल गुरु को फांसी देने से कोई मकसद पूरा नहीं हुआ-उमर अब्‍दुल्‍ला के बयान पर हंगामा 

अफजल गुरु साल 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले का दोषी था और उसे 9 फरवरी 2013 को दिल्‍ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी.  उमर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कश्मीरी अलगाववादी अफजल गुरु को फांसी देने से कोई मकसद पूरा हुआ है. उन्होंने साफ किया कि इस प्रक्रिया में जम्मू-कश्मीर सरकार की कोई भूमिका नहीं थी. उनके इस बयान का जमकर विरोध हो रहा है.

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Jammu Kashmir News: अफजल गुरु को फांसी देने से कोई मकसद पूरा नहीं हुआ-उमर अब्‍दुल्‍ला के बयान पर हंगामा उमर अब्‍दुल्‍ला के बयान पर हमलावर बीजेपी (फाइल फोटो)

जम्‍मू कश्‍मीर में चुनाव का माहौल है और 18 सितंबर से यहां पर मतदान की शुरुआत होगी. इस चुनावी माहौल में ही यहां के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के डिप्‍टी उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरु पर दिए गए बयान ने बवाल खड़ा कर दिया है. उमर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कश्मीरी अलगाववादी अफजल गुरु को फांसी देने से कोई मकसद पूरा हुआ है. उन्होंने साफ किया कि इस प्रक्रिया में जम्मू-कश्मीर सरकार की कोई भूमिका नहीं थी. उनके इस बयान का जमकर विरोध हो रहा है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनकी आलोचना की है. 

उनकी सरकार नहीं देती मंजूरी 

न्‍यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्‍यू में उमर ने यह भी कहा कि अगर राज्य की मंजूरी की जरूरत होती तो यह नहीं दी जाती. अब्दुल्ला ने आगे कहा, 'दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जम्मू-कश्मीर सरकार का अफजल गुरु की फांसी से कोई लेना-देना नहीं था. नहीं तो आपको राज्य सरकार की अनुमति से ऐसा करना पड़ता जो मैं आपको साफ शब्‍दों में बता सकता हूं कि नहीं मिलती. हम ऐसा नहीं करते.'  उमर के बयान पर विवाद शुरू हो गया है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब विधानसभा चुनाव होने हैं और खुद उमर ने दो सीटों से पर्चा भरा है. अफजल गुरु साल 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले का दोषी था और उसे 9 फरवरी 2013 को दिल्‍ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी. 

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बीजेपी ने साधा निशाना 

बीजेपी के प्रवक्‍ता आर पी सिंह ने इस टिप्पणी पर उमर अब्‍दुल्‍ला के साथ-साथ नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए कि वह उमर अब्दुल्ला का समर्थन क्यों कर रहे हैं, जो भारतीय संविधान और भारतीय कानून के नियमों को नहीं मानते. पिछले महीने ही कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए अपने गठबंधन का ऐलान किया था. 

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दो सीटों से चुनाव लड़ रहे उमर 

उमर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के साजिद यूसुफ ने कहा कि गुरु की फांसी जम्मू-कश्मीर के लोगों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बडगाम से भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. उमर दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे.  उन्होंने बुधवार को अपने पारिवारिक गढ़ गांदरबल से भी अपना नामांकन दाखिल किया. 90 सदस्यीय जम्मू और कश्मीर विधानसभा के लिए 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में मतदान होना है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी. 

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