जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए चुनावों में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं. राज्य में चुनावों को लेकर तैयारियां जारी हैं और 18 सितंबर को पहले चरण का मतदान होना है. वहीं केंद्र शासित प्रदेश की एक सीट ऐसी भी है जिस पर हाई-प्रोफाइल मुकाबले के लिए स्टेज तैयार हो चुका है. जम्मू कश्मीर के गांदरबल विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है. यह वह सीट है जहां से नेशनल कॉन्फ्रेंस के डिप्टी और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि अब्दुल्ला का मुकाबला कट्टरपंथी नेता सरजान अहमद वागे से होगा जो फिलहाल जेल में बंद है.
अलगाववादी मौलाना को सरजन बरकती के नाम से भी जाना जाता है. बरकाती 18 सितंबर से होने वाले विधानसभा चुनावों में अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. वागे ने गांदरबल और बीरवाह दो विधानसभा क्षेत्रों से नामांकन दाखिल किया है और उसे स्वीकार कर लिया गया है. वहीं उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और केंद्र सरकार जेल में बंद अलगाववादी नेता को उनके खिलाफ खड़ा कर रही है ताकि विधानसभा चुनावों में उन्हें हराया जा सके. अब्दुल्ला को इस साल हुए लोकसभा चुनावों में इंजीनियर राशिद ने हराया था जो टेरर फंडिंग के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.
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उमर अब्दुल्ला ने केंद्र से सवाल किया और कहा, 'दिल्ली में बैठे नेता मुझे नापसंद करते हैं. लेकिन यह बात मुझे साफ तौर पर समझ में आ रही है कि वे मुझसे इतनी नफरत करते हैं. जेल में बंद उम्मीदवार सिर्फ मेरे खिलाफ ही क्यों चुनाव लड़ रहे हैं?' उनकी मानें तो अब उन्हें इंजीनियर राशिद की बारामुला संसदीय सीट से लोकसभा की जीत में भी शक की बू आ रही. उमर की मानें तो इंजीनियर राशिद की जीत में उन्हें कभी कोई साजिश नजर नहीं आई वह पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन जब उन्हें पता लगा कि सरजन बरकती गंदेरबल से चुनाव लड़ रहे हैं तो उन्हें इसमें साजिश नजर आई.
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बरकेती साल 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद कश्मीर में हुए हिंसक आंदोलन का बड़ा चेहरा था. उसने अपने भाषणों में खुलेआम युवाओं को बंदूक उठाने के लिए उकसाया और उन्हें सुसाइड बॉम्बर बनने के लिए कहा. मौलाना की मानें तो सिर्फ बंदूक से ही समस्या का हल निकल सकता है. साथ ही उसने कई बार भारत के प्रतीकों पर हमले की अपील की है. बरकती को पहली पहली बार साल 2016 में गिरफ्तार किया गया था. उस पर पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. साल 2023 में उसे फिर से गिरफ्तार किया गया और इस बार उसे यूएपीए के तहत जेल में डाला गया. उसकी पत्नी भी टेरर फंडिंग के चलते जेल में बंद है.
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गांदरबल में दूसरे चरण के तहत यानी 25 सितंबर को वोटिंग होगी और 2.8 लाख से ज्यादा वोटर्स अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. जिले में दो विधानसभा क्षेत्र हैं, कंगन (एसटी) और गांदरबल , जिसमें 2,08,018 रजिस्टर्ड वोटर्स हैं. इनमें 1,04,162 पुरुष और 1,03,856 महिलाएं हैं. पूरे जिले के वोटर्स को मतदान में सुविधा हो इसके लिए यहां पर चुनाव आयोग की तरफ से 267 पोलिंग बूथ्स बनाए गए हैं जो सड़क से कनेक्टेड हैं.
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