उत्तर प्रदेश बना देश में सबसे अधिक डॉल्फिन मछली वाला राज्य, सामने आया आंकड़ा

उत्तर प्रदेश बना देश में सबसे अधिक डॉल्फिन मछली वाला राज्य, सामने आया आंकड़ा

Dolphin Fish in UP: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 17 अक्टूबर 2023 को गंगा डॉल्फिन को राज्य जलीय जीव घोषित किया है. गांगेय डाल्फिन की उपस्थिति उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, चम्बल, घाघरा, राप्ती, गेरूआ आदि नदियों में पायी गयी है.

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उत्तर प्रदेश बना देश में सबसे अधिक डॉल्फिन मछली वाला राज्य, सामने आया आंकड़ाआठ राज्‍यों की 28 नदियों का सर्वे, कुल डॉल्फिन 6,327

गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए यूपी सरकार के साथ ही नमामि गंगे मिशन द्वारा किए जा रहे अभूतपूर्व प्रयासों के फलस्वरूप गंगा नदी में डॉल्फिन मछलियों (Dolphin Fish) का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है. योगी सरकार का प्रयास रंग लाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक इस पर मुहर लगी. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने देश में पहली बार नदी डॉल्फिन अनुमान रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में नदी डॉल्फिन की कुल संख्या 6,327 है. इसमें सर्वाधिक संख्या के साथ उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है. 

8 राज्यों की 28 नदियों का किया गया सर्वेक्षण

इस अग्रणी प्रयास में 8 राज्यों की 28 नदियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 8,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर करने के लिए 3150 दिन का समय लगा. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई, उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान रहा.

अकेले उत्तर प्रदेश में 2397 डॉल्फिन

यूपी सरकार ने वन, पर्यावरण के साथ-साथ जलीय जंतुओं के संरक्षण पर भी काफी जोर दिया है. इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश की नदियों में सर्वाधिक डॉल्फिन पाई गईं. उत्तर प्रदेश में 2397 डॉल्फिन पाई गईं. बिहार में 2220, पश्चिम बंगाल में 815 व असम में 635 डॉल्फिन पाईं गईं.

उत्तर प्रदेश में भी राज्य जलीय जीव है गांगेय डॉल्फिन 

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 17 अक्टूबर 2023 को गंगा डॉल्फिन को राज्य जलीय जीव घोषित किया है. गांगेय डाल्फिन की उपस्थिति उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, चम्बल, घाघरा, राप्ती, गेरूआ आदि नदियों में पायी गयी है.

2030 तक गांगेय डॉल्फिन की आबादी में स्थिरता लाने का लक्ष्य

नमामि गंगे की योजनाओं में जागरूकता और जनभागीदारी मुख्य बिंदु हैं. इस आधार पर वर्ष 2030 तक गांगेय डॉल्फिन की आबादी में स्थिरता लाने और अधिक खतरे वाली प्रजातियों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है. इस कवायद में स्वच्छ गंगा मिशन ने राज्य सरकारों, विशेषज्ञों, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय लोगों से बेहतर तालमेल बनाने में सफलता पाई है. नमामि गंगे परियोजना के प्रदूषण कम करने के उपायों, आर्द्र भूमि के बचाव और प्रवाह बेहतर करने की पहलों से गांगेय डॉल्फिनों की आबादी को उपयुक्त पर्यावास मिला है.

उल्लेखनीय है कि नदी डॉल्फिन  भारतीय उपमहाद्वीप की अतिविशेष मेगा-फौना है, जिसे वैश्विक स्तर पर लुप्तप्राय की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है. भारत में इसे संरक्षित किया जा रहा है. अपेक्षाकृत गंगा और उसकी रामगंगा, यमुना, गोमती, घाघरा, राप्ती, सोन, गंडक, चंबल और कोसी में इनकी बहुलता है.

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