Calf Care: बरसात में बछड़ों को बीमारियों से कैसे बचाएं, देखभाल की कौनसी टिप्स अपनाएं Calf Care: बरसात में बछड़ों को बीमारियों से कैसे बचाएं, देखभाल की कौनसी टिप्स अपनाएं
Calf Care in Rainy Season बरसात के दौरान अगर एनिमल शेड और बछड़ों की खास तरह से देखभाल की जाए तो पशुओं को बरसाती बीमारियों से बचाया जा सकता है. बरसात के दौरान देखभाल के साथ ही अगर पशुओं को दिए जाने वाले चारा-पानी और वैक्सीन का खास ख्याल रखा तो संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है. इससे दूध, मीट उत्पादन भी नहीं घटेगा.
जन्म के साथ ही भैंस के बच्चे की खास देशभाल बहुत जरूरी है.नासिर हुसैन - New Delhi,
- Aug 06, 2025,
- Updated Aug 06, 2025, 1:19 PM IST
Calf Care in Rainy Season मॉनसून यानि बरसात का मौसम भीषण गर्मी से तो बचाता है, लेकिन अपने साथ बहुत सारी बीमारियां लेकर आता है. खासतौर से बरसात में पशुओं पर कई अलग-अलग बीमारियां अटैक करती हैं. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक को बताया कि बरसात के दौरान बछड़ों की देखभाल करना बहुत जरूरी हो जाता है. क्योंकि आगे चलकर यही बछड़े उत्पादन करेंगे. अगर ये हेल्दी रहेंगे तो आगे चलकर दूध-मीट का अच्छा उत्पादन करेंगे. इतना ही नहीं बछड़ों की बीमारियों को कंट्रोल करके पशुपालन की लागत को भी कम किया जा सकता है.
बरसात में एनिमल शेड का रखरखाव कैसे करें
- चारे को जमीन से ऊंची जगह किसी प्लेटफॉर्म पर रखें.
- बरसात के दौरान पशुओं के चारे को बारिश और नमी से बचाएं.
- बरसात से पहले पशुओं का टीकाकरण करा लेना चाहिए.
- पशुओं को मानसून में खराब मौसम से बचाना चाहिए.
- पशुओं पर मौसम का असर होने से उत्पादन कम हो जाता है.
- बारिश का पानी बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया को बढ़ाता है.
- बरसात से पहले, बीच में और आखिर में डी-वर्मिंग करानी चाहिए.
- पशुओं के लिए पीने का स्वच्छ और गर्म पानी होना चाहिए.
- पशुओं को खेत में जमा लाल पानी या कीचड़ वाला पानी पीने से रोकना चाहिए.
- दूषित पानी पीने से सर्दी, दस्त, ब्लैक क्वार्टर समेत कई बीमारियां हो सकती हैं.
बछड़ों की देखभाल के लिए क्या उपाय अपनाएं
- बरसात में बछड़ों को बाहर खुला नहीं छोड़ना चाहिए.
- बछड़ों में बीमारियों से लड़ने के लिए क्षमता विकसित नहीं होती है.
- बछड़ों के शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा होने से ठंड लगती है.
- बछड़ों को गर्मी देने के लिए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दूध पिलाया जाना चाहिए.
- बछड़ों को ठंड के झटकों से बचाने के लिए बोरी के कपड़े पहनाने चाहिए.
- तीन महीने से ज्यादा उम्र के बछड़ों को डीवार्मिंग दवा दी जानी चाहिए.
- छह महीने से ज्यादा उम्र के बछड़ों को बीक्यू का टीका लगवाना चाहिए.
- बरसात के दौरान बछड़ों को एचएस का टीका भी जरूर लगवाया जाना चाहिए.
निष्कर्ष-
बरसात के दौरान कई तरह की मौसमी बीमारियां पशुओं पर अटैक करती हैं. खासतौर से बछड़े बीमारियों की चपेट में जल्दी आते हैं. बीमार होने पर परेशानी के साथ-साथ लागत भी बढ़ जाती है. इसलिए जरूरी है कि मौसम बरसात का हो या जाड़े-गर्मी का बछड़ों की देखभाल पर खास ध्यान दें.
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