उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या बड़ी है. मामला इतना गंभीर है कि सरकार को नए-नए आदेश जारी करने पड़ रहे हैं. गौशालाएं होने के बावजूद आवारा पशु खेतों में घुस जाते हैं और किसानों की फसल बर्बाद करते हैं. किसान इस परेशानी से आजिज आ चुके हैं और सरकार से फौरी राहत का फरियाद लगा चुके हैं. कहीं इन छुट्टा जानवरों को बांधा जाता है, तो कहीं समस्या जस की तस है. इस बीच केंद्रीय मंत्री और अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी ने एक बड़ा आदेश दिया है. अमेठी और रायबरेली के जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिया है कि उनके संसदीय क्षेत्र के पांच विधानसभा इलाकों में छुट्टा जानवरों को शेल्टर में भेजा जाए.
इस आदेश के बाद अमेठी और रायबरेली में 25000 आवारा पशुओं को शेल्टर यानी कि गौशालाओं में ले जाया जाएगा. केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इसके लिए अमेठी और रायबरेली के जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर जानवरों को बांधे जाने का आदेश दिया. पत्र में ईरानी ने लिखा कि इस इलाके में 25,397 छुट्टा जानवर हैं जो किसानों के लिए मुसीबत बन रहे हैं.
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इस आदेश के बाद पांच विधानसभा क्षेत्रों में किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है. अमेठी संसदीय क्षेत्र के अमेठी जिले में चार विधानसभा क्षेत्र गौरगंज, अमेठी, तिलोई और जगदीशपुर आते हैं जबकि रायबरेली जिले में सलोन आता है. इन पांच क्षेत्रों में 25000 से अधिक छुट्टा जानवरों को शेल्टर में बांधने का आदेश दिया गया है.
स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र में लगातार छुट्टा जानवरों की समस्याएं और शिकायतें सामने आ रही थीं. कई किसानों ने इससे राहत दिलाने की गुहार लगाई थी. इसके बाद स्मृति ईरानी ने अपने हर ब्लॉक में टीमों को भेजा और आवारा पशुओं की गिनती करने का काम दिया. ये टीमें संसदीय क्षेत्र के पांच विधानसभा इलाकों में रवाना की गईं. टीमों को सड़कों और खेतों में लावारिस घूमते जानवरों की संख्या जुटाने का निर्देश दिया गया. स्मृति ईरानी के प्रतिनधि विजय गुप्ता ने 'PTI' को इस बात की जानकारी दी.
विजय गुप्ता ने बताया, अमेठी के गांवों में 7065 छुट्टा जानवर, गौरीगंज में 1509, जगदीशपुर में 3573 और तिलोई में 3122 आवारा पशु पाए गए. इसके अलावा रायबरेली जिले के सलोन विधानसभा क्षेत्र में 10,128 आवारा पशु पाए गए. इसके बाद इन पशुओं का आंकड़ा जुटाने के बाद स्मृति ईरानी ने शेल्टर में भेजने का आदेश दिया. उत्तर प्रदेश में छुट्टा जानवरों का मुद्दा बहुत ही गंभीर है और इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया गया था. विपक्षी दलों ने जीत के बाद इससे निजात दिलाने की बात कही थी.
भारतीय किसान यूनियन ने भी छुट्टा जानवरों को मुद्दा बनाया है और अपने धरने-प्रदर्शन में इस बात को उठाया जाता है. गन्ने के दाम को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन और उनकी मांगों में एक मांग छुट्टा जानवरों का भी है. सरकार से इस समस्या को खत्म करने और किसानों को राहत देने की गुहार लगाई गई है. हालांकि सरकार ऐसे जानवरों को बांधने के लिए गौशालाएं बनवाती है और इसके प्रबंधन पर भारी खर्च भी हो रहा है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. किसान इसके लिए सड़कों पर उतर रहे हैं. यहां तक कि छुट्टा जानवरों के हमले में किसानों की मौत भी हो चुकी है. कुछ किसान विरोध के रूप में छुट्टा जानवरों को स्कूल और सरकारी दफ्तरों में बांधने की चेतावनी दे रहे हैं.
अभी हाल में जिला प्रशासन के आदेश पर बरेली में 10 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई क्योंकि उनके पशु दूसरे के खेतों में पाए गए थे. प्रशासन ने इस तरह की हरकतों पर सख्त चेतावनी दी है कि किसान अपने मवेशियों को बांध कर रखें.
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