Lumpy Skin Disease: यूपी में लंपी को लेकर जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर, पशुपालकों को ऐसे मिलेगी मदद

Lumpy Skin Disease: यूपी में लंपी को लेकर जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर, पशुपालकों को ऐसे मिलेगी मदद

लंपी वायरस को गोट पोक्स वायरस परिवार से मिलता-जुलता बताया जा रहा है. यही वजह है कि इस महामारी की रोकथाम के लिए गौवंशों को गोट पोक्स के टीके लगाए जाते हैं. पशुओं में ऐसी बीमारी फैलने की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.

Advertisement
Lumpy Skin Disease: यूपी में लंपी को लेकर जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर, पशुपालकों को ऐसे मिलेगी मददपशुपालन विभाग की नजर पूरे प्रदेश में बनी हुई है.

बारिश और बाढ़ के बाद 'लंपी वायरस' के फैलने का खतरा मंडराने लगता है. इसे रोकने को लेकर उप्र पशुपालन विभाग एक्शन मोड में है. इसी कड़ी में पशुपालन विभाग की नजर पूरे प्रदेश में बनी हुई है. उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी पशु चिकित्सालय में गायों और भैसों के टीकाकरण की कार्य योजना पर बल देने के निर्देश दिए हैं. इसलिए सीएम योगी ने शहरों एवं गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं. 

मामले में उप्र पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. इंद्रमणि ने किसान तक से बातचीत में बताया कि प्रदेश में अभी किसी भी पशुओं में लंपी वायरस से पीड़ित होने की सूचना नहीं मिली है. एक-दो केस लंपी के सामने आए थे, मौके पर मैं खुद भी गया था. जहां पता चला की गाय के बच्चे को टीका नहीं लगा था. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में लंपी वायरस से एक भी पशु की मौत नहीं हुई है. वहीं किसी गांव में लंपी महामारी फैलने की सूचना नहीं है.

यह भी पढ़ें- पशुपालन में ये तीन काम किए तो इस मौसम में भी होगा 100 फीसद मुनाफा, जानें डिटेल

पशुपालन निदेशक ने बताया कि पशु मालिकों के लिए जारी किए गए पशुधन हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1800- 180- 5141 तथा मोबाइल वेटेरिनरी हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1962 पर मदद ली जा सकती है. निदेशक ने आगे बताया कि पिछले साल 2022 के सितंबर और अक्टूबर में लंपी महामारी का प्रकोप फैला था, उस वक्त 1.60 करोड़ टीका पशुओं को लगाया गया था.  डॉ. इंद्रमणि कहते हैं कि पूरे प्रदेश में 520 मोबाइल वेटेरिनरी वैन कार्य कर रही है, जिसमें 250 के करीब वैन गांव-गांव भ्रमण कर रही है, जबकि 270 वैन आपातकालीन स्थिति के लिए हर वक्त तैनात रहती है. 

यह भी पढ़ें- किसानों के लिए किसी सुरक्षा कवच से कम नहीं ये App, एक्सपर्ट से जानें कैसे करें इस्तेमाल
 
आपको बता दें कि लंपी वायरस को गोट पोक्स वायरस परिवार से मिलता-जुलता बताया जा रहा है. यही वजह है कि इस महामारी की रोकथाम के लिए गौवंशों को गोट पोक्स के टीके लगाए जाते हैं.लंपी त्वचा रोग में पशुओं की स्किन पर गांठे पड़ जाती है, जिनसे रक्त का प्रवाह होता है और पशुओं को भी असहनीय पीड़ा होती है और इसी पीड़ा में पशु अपनी जान छोड़ देते हैं.

जानें क्या है लंपी वायरस

लंपी स्कीन डिजीज जिस वायरस के कारण होती है, उसका नाम Capripoxvirus है. ये बीमारी गायों और भैसों को होती है. ये वायरस गोटपॉक्स और शिपपॉक्स फैमिली का है. लंपी वायरस मवेशियों में मच्छर या खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए फैलता है.

लंपी वायरस के लक्षण

हल्का बुखार आना, शरीर पर दाने निकलना, दाने घाव में बदलना, जानवर की नाक बहना, मुंह से लार आना और दूध देना कम हो जाता है.

 

 

POST A COMMENT