एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो गाय-भैंस हो या फिर भेड़-बकरी, मौसम को लेकर ये अक्सर तनाव (स्ट्रेस) में आ जाते हैं. ये कोई जरूरी नहीं है कि पशु गर्म मौसम में ही सबसे ज्यादा तनाव में आते हैं. सर्दियों का मौसम भी छोटे-बड़े सभी तरह के पशुओं पर विपरीत असर डालता है. जिसका नुकसान पशुपालक को कम उत्पादन के रूप में उठाना पड़ता है. इसलिए आने वाले सर्दी के मौसम से भी पशुओं को बचाना बहुत जरूरी है. ठंड और कोहरे के मौसम में पशुओं की उचित देखभाल करना बहुत जरूरी हो जाता है.
हालांकि एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि पशुओं को ज्यादा से ज्यादा खुली जगह में रखा जाए, जिससे वो जब मन चाहे तब आराम से घूम-फिर सकें. ऐसा करने से पशु के उत्पादन पर अच्छा असर पड़ता है. और साथ ही पशुओं को खुली जगह में रखने पर खर्चा भी कम आता है. लेकिन हर मौसम के हिसाब से पशुओं के लिए शेड में इंतजाम करना भी जरूरी होता है. क्योंकि पशुओं का शेड कम से कम स्वच्छ, सुविधाजनक, आरामदायक हो और दूध निकालने के लिए शेड में अलग जगह दी गई हो.
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अगर आपके गांव-शहर में तापमान 0 से 10 डिग्री तक जाता है तो फिर उसके मुताबिक ही आपको शेड की तैयारी करनी होगी. यहां तक की मौसम के हिसाब से ही पशुओं का खानपान भी तैयार होगा. पशु की बिछावन कैसी होगी ये भी बदलते तापमान के हिसाब से ही पशुपालक को तैयार करनी होगी.
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10 से 20 डिग्री तापमान भी बहुत ठंडा होता है. ऐसे में जितनी एहतियात इंसान बरतते हैं, उतनी ही पशुओं के लिए भी बरती जानी चाहिए. क्योंकि ये वो मौसम होता है जहां जरा सी भी लापरवाही पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.
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