Fodder in Monsoon: बदलते मौसम में ये तीन काम किए तो बीमारियों से दूर रहेंगे और भरपूर दूध देंगी गाय-भैंस Fodder in Monsoon: बदलते मौसम में ये तीन काम किए तो बीमारियों से दूर रहेंगे और भरपूर दूध देंगी गाय-भैंस
Feed-Fodder in Monsoon सेंट्रल बफैलो रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) के पूर्व सीनियर साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह का कहना है कि बरसात में पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए उनका वैक्सीनेशन कराना बहुत जरूरी होता है. खासतौर पर खुरपका-मुंहपका, गलघोंटू का वैक्सीन जरूर लगवाएं. पेट के कीड़ों की दवाई खिलवाएं. ऐसा करने से पशु बीमार नहीं पड़ेंगे. साथ ही शेड और चारे का भी खास ख्याल रखें.
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Feed-Fodder in Monsoon देश के लगभग सभी राज्यों में मॉनसून दस्तक दे चुका है. कई राज्य तो ऐसे हैं जहां जमकर बारिश हो रही है. यही वो मौसम है जब पशुओं को खिलाने के लिए खूब हरा चारा मिल जाता है. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक इस हरे चारे को सीधे पशुओं को नहीं खिला सकते हैं. अगर खिलाया तो पशुओं को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. पशुओं का पेट खराब हो जाता है. अफरा के चलते पशु को भूख नहीं लगती है. पशुओं का उत्पादन कम हो जाता है.
इसी मौसम में पशुओं को वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों का खतरा भी बना रहता है. जानलेवा गलघोंटू बीमारी भी पशुओं को बरसात के दिनों में ही होती है. गलघोंटू समेत वायरल बीमारियों से पशुओं को बचाना है तो एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक बरसात में पशुपालन करने से नुकसान तो कम होगा ही साथ में पशुओं की जान भी नहीं जाएगी.
बरसात के दिनों में ऐसा होना चाहिए पशुओं का शेड
डॉ. सज्जन सिंह का कहना है कि बरसात के दौरान शेड की देखभाल बहुत जरूरी होती है. क्योंकि सबसे ज्यादा बीमारी शेड में ही पनपती है. अगर हर रोज शेड की सफाई ठीक से कर ली जाए तो पशुओं को होने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है.
- पशु शेड ऊंची जगह पर बना हो जहां पानी ना भरता हो.
- शेड में हवा आने-जाने के लिए रोशनदान जरूर बने हों.
- पशुओं के नीचे मेटिंग बिछाएं. फर्श को गीला ना रखें.
- ढलान ऐसा हो कि गाय-भैंस का गोबर और मूत्र नाली में चला जाए.
- शेड में दवा का छिड़काव करें जिससे मच्छर-मक्खी ना आएं.
- शेड से मच्छर-मक्खी भगाने को पंखे-कूलर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- मच्छर-मक्खी से बचाने के लिए खुले में पशुओं के आसपास धुआं करें.
- जब तक शेड के अंदर रोशनदान ना हों धुआं ना करें.
बरसात में इस तरह से खिलाएं पशुओं को चारा
- बरसात में पशुओं को 60:40 के हिसाब से सूखा और हरा चारा खिलाएं.
- हरे और सूखे चारे के साथ मिनरल मिक्चर खाने में जरूर दें.
- हरे चारे को ताजा ना खिलाएं, थोड़ी देर सुखाकर फिर खिलाएं.
- हरे चारे की पत्तिनयों पर कीड़े-मकोड़ों के अंडे होते हैं, इसलिए उसे झाड़कर खिलाएं.
- सिर्फ हरा चारा खिलाने से पशु को दस्त और अफरा की शिकायत हो सकती है.
- दूध की क्वालिटी सुधारने के लिए तीनों तरह की खुराक देना जरूरी है.
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