पिछले कुछ सालों से देश में पशुपालन का काम तेजी से बढ़ा है. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी लोग पशुपालन में रुचि दिखा रहे हैं. कमाई के लिहाज से भी पशुपालन करना काफी फायदेमंद रहा है. ज्यादातर पशुपालक दोहरे मुनाफे वाले पशु पालना पसंद करते हैं जिसमें बकरी खास है. बकरी पालन कर आप दूध और मीट दो तरीके से मुनाफा कमा सकते हैं. अगर आप भी बकरी पालन की शुरुआत करने जा रहे हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. बकरी पालन की शुरुआत करने के लिए सही समय की जानकारी होनी चाहिए.
नए पशुपालकों को बता दें कि बकरियों की इम्यूनिटी अन्य पशुओं के मुकाबले थोड़ी कम होती है. इनकी ग्रोथ के लिए वातावरण और ताममान सामान्य होना चाहिए. बकरी पालन की शुरुआत करने के लिए ना अधिक सर्दी होनी चाहिए ना ही ज्यादा गर्मी. सामान्य मौसम में बकरियां या उनके बच्चे नई जगह पर आसानी से ढल जाते हैं. इसके अलावा बकरियों में किसी तरह की मौसमी बीमारी या संक्रमण का भी खतरा नहीं होता है. बकरी पालन के लिए फरवरी के आखिर से लेकर अप्रैल के पहले हफ्ते तक का समय अच्छा माना जाता है इसके अलावा सितंबर-अक्तूबर का महीना भी बकरी पालन के लिए अच्छा माना जाता है.
बकरी की कई नस्लें पाई जाती हैं लेकिन अगर आप पहली बार बकरी पालन करने जा रहे हैं, तो ऐसी नस्ल के बारे में जानना बहुत जरूरी है जो किसी भी मौसम और किसी भी तैयारी में खुद को आसानी से ढाल लें. इस खबर में आपको ऐसी ही तीन खास नस्लों के बारे में बताते हैं जो बकरी पालन की शुरुआत के लिहाज से अच्छी मानी जाती हैं. सिरोही, बीटल और जमुनापारी नस्ल की बकरियों के साथ शुरुआत करना अच्छा माना जाता है.
ये भी पढ़ें: देखते ही पहचान जाएंगे कौन सी गाय देगी अधिक दूध, सीखिए पहचान करने का तरीका
जैसा कि हमने बताया, आप सिरोही, बीटल और जमुनापारी नस्ल की बकरियों के साथ शुरुआत कर सकते हैं. इस नस्ल की बकरियां कम देखभाल में भी आसानी से रह सकती हैं. ये बकरियां देश के किसी भी जलवायु और वातावरण में खुद को ढालने के लिए जानी जाती हैं. इनका खान-पान और रखरखाव भी विशेष करने की जरूरत नहीं होती है. इनके बच्चे भी तेजी से ग्रोथ करते हैं जिसके कारण पशुपालकों को फायदा होता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today