Goat Farming: बच्चों की मृत्यु‍ दर कम करने के लिए बकरियों को कब गाभिन कराएं

Goat Farming: बच्चों की मृत्यु‍ दर कम करने के लिए बकरियों को कब गाभिन कराएं

Goat Breeding Farming बकरी पालन में सबसे बड़ा मुनाफा बकरी के बच्चे हैं. एक बकरी से सालभर में जितने बच्चे मिलेंगे वो ही असल मुनाफा होगा. लेकिन बकरी पालन की एक सच्चाई ये भी है कि बाड़े में बकरी के बच्चों की मृत्यु दर को कम कर पाना या फिर रोकना बड़ा ही मुश्किल काम हो गया है. इसीलिए लिए बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए चार्ट के मुताबिक बकरियों को गाभि‍न कराने की सलाह दी जाती है.  

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Goat Farming: बच्चों की मृत्यु‍ दर कम करने के लिए बकरियों को कब गाभिन कराएंदूध और मीट के लिए बकरी के बच्चों की देखभाल जरूरी है.

Goat Breeding Farming बकरी पालन अभी संगठित नहीं हुआ है. यही वजह है कि आज भी बकरी पालन दूध से ज्यादा मीट के लिए किया जाता है. और बकरी पालक यही चाहता है कि उसकी बकरी जो बच्चे दे वो जल्द से जल्द बड़े हो जाएं. लेकिन कुछ छोटी-छोटी वजह के चलते बकरियों में मृत्यु दर बढ़ जाती है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा के साइंटिस्ट और गोट एक्सपर्ट डॉ. एमके सिंह ने किसान तक (Kisan Tak) को बताया कि बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए ही साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन करने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही बकरियों को एक तय वक्त के हिसाब से गाभि‍न कराने की बात भी कही जाती है. 

बकरी के बच्चों को कड़ाके की सर्दी से कैसे बचाए? 

  • बकरी के बच्चों को सर्दी से बचाना बहुत जरूरी होता है. 
  • 10 अप्रैल से लेकर और 15 जून तक बकरियां प्राकृतिक रूप से हीट में आती हैं.
  • इसलिए बकरियों को अप्रैल से लेकर जून तक गाभि‍न कराना चाहिए. 
  • अप्रैल से लेकर जून में गाभि‍न होने वाली बकरियां सितम्बर-अक्टूबर में बच्चा देती हैं. 
  • सितम्बर-अक्टूबर में पैदा हुआ बच्चा बरसात के मौसम में होने वाले संक्रमण से बच जाता है.
  • सितम्बर-अक्टूबर में पैदा हुआ बच्चा कड़ाके की सर्दी वाले दिसम्बर-जनवरी तक बड़ा हो जाता है.

बकरी के बच्चों को भीषण गर्मी से कैसे बचा सकते हैं?

  • बकरी के बच्चों को 45 से 50 डिग्री वाली गर्मी से बचाना भी जरूरी होता है. 
  • गर्मी से बचाने के लिए बकरियों को अक्टूबर से नवंबर के बीच गाभिन कराना चाहिए. 
  • अक्टूबर-नवंबर में गाभि‍न होने वाली बकरी मार्च-अप्रैल में बच्चा दे देगी. 
  • मार्च-अप्रैल में पैदा होने वाला बच्चा सर्दी से बच जाएगा. 
  • मई-जून की भीषण गर्मी शुरू होने से पहले बच्चा बड़ा हो जाएगा. 
  • जुलाई-अगस्त में बारिश के संक्रमण से लड़ने के लिए भी बच्चा बड़ा हो जाएगा. 

निष्कर्ष-

बकरी पालन पूरी तरह से बच्चों के प्रजनन में पर टिका है. बकरी पालक के बाड़े में जितनी ज्यादा बकरे-बकरियां होंगे तो मुनाफा उतना ही ज्यादा होगा. इसलिए बकरी के बच्चों की मृत्यु दर को गाभि‍न चार्ट अपनाकर और साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन कर रोका जा सकता है.  

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