Himachal Pradesh: पशु बीमार है तो करना होगा बस एक फोन, घर पहुंच जाएंगे डॉक्टर

Himachal Pradesh: पशु बीमार है तो करना होगा बस एक फोन, घर पहुंच जाएंगे डॉक्टर

हिमाचल सरकार मोबाइल वेटरनरी क्लीनिक द्वारा किसानों के दरवाजे पर पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराएगी. वहीं, ये क्लीनिक पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान, दवाइयां, टीकाकरण, सर्जरी, बांझपन परीक्षण आदि जैसी सेवाएं घर पर पहुंचाएंगे.

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Himachal Pradesh: पशु बीमार है तो करना होगा बस एक फोन, घर पहुंच जाएंगे डॉक्टर अब किसानों को घर पर मिलेंगी पशु चिकित्सक सेवाएं

हिमाचल के पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) ने 'संजीवनी' प्रोजेक्ट के लिए इंडसइंड बैंक की सहायक कंपनी भारत फाइनेंशियल इन्क्लूजन लिमिटेड (Bharat Financial Inclusion Ltd.) के साथ एक एमओयू यानी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. जोकि राज्य सरकार की पहल है. इस पहल के तहत राज्य सरकार मोबाइल वेटरनरी क्लीनिक द्वारा किसानों के दरवाजे पर पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराएगी. वहीं, ये क्लीनिक पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान, दवाइयां, टीकाकरण, सर्जरी, बांझपन परीक्षण आदि जैसी सेवाएं घर पर पहुंचाएंगे. यानी इस योजना के शुरू हो जाने के बाद अब राज्य के पशुपालकों को पशुओं के इलाज के लिए नजदीकी क्लीनिक पर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उनके घर पर ही इलाज की सुविधा मिलेगी.

खबरों के मुताबिक एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम-मोबाइल पशु चिकित्सा वैन पशुओं की देखभाल की डोरस्टेप डिलीवरी को बढ़ाएगी, जिससे किसानों के लिए सभी पशु चिकित्सा सेवाएं सिर्फ एक फोन कॉल पर उपलब्ध होंगी. टोल फ्री नंबर जल्द ही शुरू हो जाएगा.

मोबाइल वेटरनरी यूनिट की शुरुआत 

बता दें कि इस योजना की शुरुआत देश में सबसे पहले आंध्र सरकार ने मई 2022 में 'डॉ. वाईएसआर संचार पासु आरोग्य सेवा' योजना के नाम से की थी. राज्य सरकार ने योजना के पहले चरण में 175 एंबुलेंस पर कुल 143 करोड़ रुपये खर्च किए थे. आंध्र प्रदेश में इस योजना की सफलता के बाद, हाल ही में यूपी सरकार ने भी ट्रायल के तौर पर शुरू की है. वहीं, पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत 201 करोड़ की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट का फ्लैग ऑफ एवं टोल फ्री नंबर 1962 का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्री, भारत सरकार परशोत्तम रुपाला ने हरी झंडी दिखाकर किया था.

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पशुपालकों को 1962 नंबर पर कॉल करना पड़ेगा

इस योजना के अंतर्गत यूपी के इटावा जिले में 5 मोबाइल वेटरनरी वैन प्रदान की गई हैं. इटावा में लगभग 5 लाख 32 हजार पालतू पशु हैं. प्रत्येक वैन में एक डॉक्टर के साथ में दवाइयां और सुविधाएं उपलब्ध हैं. वहीं, यूपी में इस सुविधा का लाभ लेने के लिए पशुपालकों को 1962 नंबर पर कॉल करना पड़ेगा जिस पर वह अपने पशु की बीमारी के बारे में बताएंगे, फिर स्थानीय मोबाइल वेटरनरी वैन डॉक्टर सहित घर पर पहुंच जाएगी. मतलब, पशुपालक 1962 नंबर पर मोबाइल से कॉल करेंगे तो कंट्रोल रूम से पशुपालक के घर के पते पर डॉक्टर सहित वैन पहुंचेगी और इलाज करेगी.

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