विपक्ष के सदस्यों ने 5 अप्रैल को एक बार फिर अडानी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांगों को लेकर लोकसभा को बाधित किया, इसी बीच सरकार ने हंगामे के बीच तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण (संशोधन) बिल, 2023 पेश किया है. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा पेश किया गया बिल आसानी से व्यापार करने में बढ़ावा देने के लिए किया गया है. इतना ही नहीं इसे पहले 2005 के अधिनियम के तहत सूचीबद्ध कुछ अपराधों को कम करने का भी प्रयास करता है.
अपतटीय एक्वाकल्चर, जिसे ओपन वॉटर एक्वाकल्चर या ओपन ओशन एक्वाकल्चर के रूप में भी जाना जाता है. समुद्री कृषि (समुद्री जल एक्वाकल्चर) के लिए एक उभरता हुआ दृष्टिकोण है, जहां मछली के खेत गहरे और कम आश्रय वाले पानी में तट से कुछ दूरी पर स्थित हैं जहां खेती की गई मछली के स्टॉक उजागर होते हैं. ऐसे में यह बिल मछलीपालन के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए कितना लाभदायक साबित होता है यह आने वाले समय में ही पता चलेगा.
इसका उद्देश्य तटीय एक्वाकल्चर अथॉरिटी की परिचालन प्रक्रियाओं को ठीक करना और पर्यावरण के अनुकूल तटीय एक्वाकल्चर के नए रूपों को बढ़ावा देना है. जिसमें विभिन्न मछलियों का पालन, मोती और सीप की खेती शामिल है, जिसमें अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है. इसमें तटीय जलीय कृषि में मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक एंटीबायोटिक्स और औषधीय रूप से सक्रिय पदार्थों के उपयोग को रोकने का भी प्रावधान है.
ये भी पढ़ें: Wheat Production: गेहूं उत्पादन में 5 मिलियन टन तक गिरावट! FCI एमडी ने जारी किया अनुमान
बिल को हंगामे के बीच पेश किया गया क्योंकि विपक्षी सांसद काले कपड़े पहने तख्तियां लेकर वेल में आ गए और अडानी मामले में जेपीसी जांच की मांग करते हुए नारेबाजी की. भाजपा सांसद रमा देवी, जो अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही थीं, उन्होंने विरोध करने वाले सांसदों से अनुरोध किया कि वे अपनी सीटों पर वापस जाएं और सदन को चलने दें. हालाँकि, उन्हें सदन को स्थगित करना पड़ा क्योंकि सदस्यों ने अपने विरोध को जारी रखा.
इससे पहले सुबह लोकसभा में बमुश्किल एक मिनट के लिए कामकाज हुआ, क्योंकि सुबह 11 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य, मुख्य रूप से कांग्रेस सांसद सदन के वेल में आ गए. चेयर पर मौजूद सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सांसदों से प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन जब वे नहीं माने तो सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. 13 मार्च को शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में मुख्य रूप से अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today