बेवक्त मौसम में उतार-चढ़ाव का असर पशुओं में भी साफ-साफ दिखाई देने लगा है. ये परेशानी तब और बढ़ जाती है जब मौसम गर्मियों का हो. गर्मियों में ही पता नहीं चलता कि तापमान बढ़ जाए और कब घटने लगे. एनिमल एक्सपर्ट इसे क्लाइमेट चेंज का असर बता रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा नुकसान दुधारू पशुओं के मामले में उठाना पड़ता है. भैंस के शरीर में गर्मी बढ़ते ही दूध उत्पादन घटने लगता है. पशु गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं. बच्चा देने वाले पशुओं को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक कई बार ऐसा होता है कि पशुओं के शरीर से गर्मी नहीं निकलती है. जिसके चलते पशुओं को प्रसव में परेशानी होने लगती है. जब भैंस के शरीर में गर्मी ज्यादा बढ़ जाती है, तो इसकी वजह से एस्ट्रोजन हार्मोन में कमी आ जाती है. जिसके कारण पशुओं के हीट में आने के लक्षणों का पता नहीं चल पाता और पशु के शरीर में गर्मी अधिक बढ़ने की वजह से गर्भ भी नहीं ठहरता.
पशुपालन से जुड़े लोगों को गर्मियों में पशु की देखभाल कई तरह से करनी चाहिए. इसमें चारे से लेकर कई तरह के बदलाव जरूरी होते हैं. अगर मौसम के हिसाब से पशु की देखरेख न की जाए तो पशु के गाभिन होने की संभावना बहुत कम हो जाती है. इसके अलावा पशु की उत्पादकता भी कम हो जाती है. इसलिए ये जरूरी है कि जब तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है तो ऐसे में पशुपालकों को ज्यादा रखरखाव की जरूरत होती है. ऐसे में सबसे पहले पशु को लू से बचाना जरूरी होता है.
काला रंग होने की वजह से शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकलती और भैंस के शरीर में रोम छिद्र भी कम होते हैं, जिससे उसे पसीना कम आता है. इसलिए पशुपालकों को चाहिए कि वो शेड में अपनी भैंस को नहलाने का इंतजाम रखें. अगर मुमकिन हो तो पशुओं को नदी या नहर के पानी में कुछ देर के लिए छोड़ देना चाहिए. वहीं अगर नदी या नहर ना हो तो पशु को हर तीन-चार दिन बाद अच्छी तरह नहलाना चाहिए.
भैंस को गर्मियों के दौरान ऐसा आहार देना चाहिए जो हल्का हो और जिसकी तासीर ठंडी हो. अगर पशु को ऐसा आहार दिया जाता है, तो न केवल पशु के शरीर में ठंडक बनी रहती है, बल्कि पाचन क्रिया भी बेहतर हो जाती है. जिसकी वजह से पशु को भोजन पचाने में अधिक मेहनत नहीं कर पड़ती. पशु के लिए एक ऐसे शेड का निर्माण करना चाहिए जहां हवा की आवा जाही बेहतर हो. इसके अलावा शेड में पीने के पानी की व्यवस्था भी होनी चाहिए. साथ ही पशु के ऊपर सीधा धूप या सूरज की रोशनी ना पड़े इस बात का भी ख्याल शेड में रखना चाहिए.
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