Seafood Investor Meet: फिर आ रहे हैं देश-विदेश के फिशरीज एक्सपर्ट और एक्सपोर्टर, कारोबार बढ़ाने पर होगी चर्चा 

Seafood Investor Meet: फिर आ रहे हैं देश-विदेश के फिशरीज एक्सपर्ट और एक्सपोर्टर, कारोबार बढ़ाने पर होगी चर्चा 

Seafood Investor-Exporter Meet केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने घोषणा करते हुए कहा है कि टूना मछली पालन, समुद्री शैवाल और ऑर्नामेंटल फिश पालन में निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नवंबर 2025 में लक्षद्वीप में इन्वेस्टर्स और एक्सपोर्टर सम्मि ट का आयोजन किया जा रहा है. 

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Seafood Investor-Exporter Meet एक बार फिर देश और विदेश के फिशरीज एक्सपर्ट और एक्सपोर्टर एक छत के नीचे जमा हो रहे हैं. जहां घरेलू से लेकर इंटरनेशनल बाजार तक पर चर्चा होगी. बाजार में मौजूदा डिमांड को और कैसे बढ़ाया जाए इस विषय पर सब अपनी राय रखेंगे. इसके लिए केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से इन्वेस्टर्स और एक्सपोर्टर सम्मिट का आयोजन किया जा रहा है. ये सम्मिट लक्षद्वीप द्वीप समूह में आयोजित की जाएगी. इसी साल नवंबर में सम्मिट का आयोजन किया जाएगा. मंत्रालय से जुड़े जानकारों की मानें तो टूना मछली, ऑर्नामेंटल फिश और समुद्री शैवाल की मदद से सीफूड के बाजार को बड़ा करने की कोशि‍श की जा रही है. 

ये दूसरा मौका है जब देश में सीफूड से संबंधि‍त इन्वेस्टर्स और एक्सपोर्टर सम्मिट होने जा रही है. इससे पहले साल 2024 में अंडमान निकोबार में सम्मिट का आयोजन किया गया था. हाल ही में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह और इसी मंत्रालय से राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने एक बैठक के दौरान इसकी घोषणा की है.  

मछलियों की संख्या बढ़ी तो लक्ष्यद्वीप तरक्की करेगा 

केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह का कहना है कि अगर मछली पकड़ने की मात्रा बढ़ती है तो लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था विकसित होगी और साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा. और इसी से पीएम के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी. इस मीट में देश-विदेश की फिशरीज से जुड़ी बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ ही केन्द्रीय मंत्री और विभाग के बड़े अफसर भी शामिल होंगे. इन्वेस्टर्स और कंपनियों को सीफूड से जुड़ी अंडमान के बारे में जानकारियां दी जाएंगी. समुद्र में मछली पकड़ने से लेकर ट्रांसपोर्ट और प्रोसेसिंग अवसरों के बारे में बताया जाएगा. दक्षिण-पूर्व एशिया से नजदीक होने के चलते कैसे इन अवसरों को बड़े मुनाफे में बदला जा सकता है ये जानकारी भी इन्वेस्टर्स और कंपनियों के साथ साझा की जाएगी. खासतौर पर यहां सबसे ज्यादा पाई जाने वाली टूना मछली की भी बात होगी. 

बनेगा घरेलू-इंटरनेशनल डिमांड पूरी करने वाला हब

बीते साल मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मछली संपदा योजना (PMMSY) के तहत अंडमान-निकोबार द्वीप को टूना मछली का क्लस्टर घोषि‍त किया गया है. इसी के चलते वहां इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया था. टूना के साथ ही यहां कुछ और भी ऐसी मछलियां हैं जिनकी इंटरनेशनल मार्केट में डिमांड है. मछलियों के इसी भंडार का फायदा उठाने और यहां के मछुआरों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए इसे सीफूड का हब बनाने की तैयारी चल रही है. अंडमान-निकोबार और लक्ष्यद्वीप को सीफूड से जुड़ी घरेलू-इंटरनेशनल डिमांड पूरी करने वाला हब बनाने की तैयारी है. 

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